नई दिल्ली: कोरोना वायरस के आगामी तीसरी लहर आने की चर्चा हो रही है लेकिन इन वैरिएंट का पता लगाने के लिए भारत अब भी जीनोम सीक्वेंसिंग के स्तर पर मजबूत नहीं है। स्थिति यह है कि सरकार ने हर माह कम से कम पांच फीसदी सैंपल सीक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश राज्यों को दिए थे, लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक 34 राज्यों ने 10 फीसदी सैंपल भी नहीं भेजे हैं। इन राज्यों में कोरोना वायरस के कौन-कौन से वैरिएंट अथवा म्यूटेशन मौजूद हैं, इसकी जानकारी कयासों पर लगाई जा रही है।
वहीं तीन राज्य दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल से सर्वाधिक 42 फीसदी सैंपल आए हैं। इन्हीं तीन राज्यों के आधार पर वैज्ञानिक पूरे देश की स्थिति बताने को मजबूर हैं। यह पूरा खुलासा जीनोम सीक्वेंसिंग की निगरानी करने वाली समिति की रिपोर्ट में हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी इस रिपोर्ट के अनुसार देश में अब तक 42,869 सैंपल की सीक्वेंसिंग हुई है जिनमें कोरोना वायरस के 230 म्यूटेशन का पता चला है। इनमें सर्वाधिक महाराष्ट्र 18.4, दिल्ली 12.5 और केरल के 11 फीसदी सैंपल शामिल हैं। बाकी सभी राज्यों के 10 फीसदी से भी कम सैंपल हैं।
चल रही है। राज्यों को भी इसके लिए अब तक अपने यहां सुविधा शुरू करनी चाहिए थी जो अधिकांश ने नहीं की है। हाल ही में केरल और महाराष्ट्र सरकार ने मिलकर एक वेबसाइट तैयार की है जिसे नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर-आईजीआईबी द्वारा संचालित किया जा रहा है। यहां से रोजाना राज्य वार कोरोना वायरस के म्यूटेशन का पता चल सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों को एक बार फिर सैंपल बढ़ाने के साथ साथ लैब भी शुरू करने के निर्देश दिए जाएंगें।
रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस के अब तक आठ से भी अधिक गंभीर वैरिएंट की मौजूदगी भारत में मिल चुकी है लेकिन अप्रैल तक सैंपल में अल्फा और बीटा वैरिएंट मिल रहा था जबकि इसके बाद मई और जून के किसी भी सैंपल में यह दोनों वैरिएंट नहीं मिले हैं। इनमें केवल डेल्टा, डेल्टा प्लस और एवाई2.0 वैरिएंट मिले हैं जो अक्तूबर 2020 में महाराष्ट्र से निकले डबल म्यूटेशन से बाहर आए हैं।
राज्य कुल सैंपल फीसदी वैरिएंट
दिल्ली 5353 12.5 डेल्टा
उत्तर प्रदेश 837 2 डेल्टा, अन्य
उत्तराखंड 590 1.4 डेल्टा
चंडीगढ़ 197 0.5 अल्फा, डेल्टा
जम्मू-कश्मीर 1136 2.6 डेल्टा
पंजाब 2052 4.8 डेल्टा, अन्य
हरियाणा 1573 3.7 अल्फा, डेल्टा, अन्य
हिमाचल प्रदेश 578 1.3 अल्फा, डेल्टा
(गंभीर वैरिएंट बीते दो महीने में मिले)
रिपोर्ट में कोरोना के गंभीर वैरिएंट को लेकर अलर्ट पर रहने की सिफारिश की गई है। इसके मुताबिक देश में फिलहाल डेल्टा के अलावा डेल्टा प्लस और एवाई2.0 वैरिएंट ही सबसे ज्यादा मिल रहे हैं। इन वैरिएंट के प्रभाव अब तक विज्ञान से दूर हैं। ऐसे में जरूरी है कि जन स्वास्थ्य के लिहाज से देश भर में खास सतर्कता बरती जाए।