राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर
स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं समुचित मंच
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर
स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं समुचित मंच
एमसी पार्क, ऊना में रक्षाबंधन सप्ताह के तहत 22 अगस्त तक बेचे जाएंगे उत्पाद
ऊना, 14 अगस्त – आर्थिक रुप से कमजोर और असहाय महिलाओं के उत्थान और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जून, 2011 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना का शुभारंभ किया गया। हिमाचल प्रदेश मंे भी इस योजना को केन्द्र सरकार द्वारा लागू किया गया। शुरु में इस योजना को पायलट आधार पर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के कुछ विकास खंडों में लागू किया गया था जिसमें ऊना जिला के विकास खंड हरोली को इंन्टेंसिव विकास खंड के रुप में चयनित किया गया था। इसके उपरांत इसकी सफलता को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ऊना जिला के समस्त विकास खंडों में इसे लागू कर दिया गया। ऊना जिला के पांचों विकास खंडों ऊना, बंगाणा, गगरेट, अंब व हरोली में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं को लेकर स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया। इन स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से आर्थिक रुप से सुदृढ़ करने के लिए हस्त निर्मित उत्पादों को उत्पादित करने के लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, ऊना की सहायता से प्रोत्साहित करने का सफल प्रयास किया गया है। जिला ऊना में कुल 1857 स्वयं सहायता समूह हैं जिनमें विकास खंड बंगाणा के 336, अंब में 283, गगरेट के 237, हरोली के 684 और ऊना के 317 स्वयं सहायता समूह शामिल हैं। विभिन्न विकास खंडों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा प्रेरित होकर कई तरह के खाद्य पदार्थों को सामूहिक रुप से उत्पादित किया गया। इन उत्पादों की बिक्री के लिए जिला एवं खंड स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों व समारोहों में विक्रय करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को एक प्लेटफार्म मिला है। जबकि इससे पूर्व स्थानीय स्तर पर उत्पाद विक्रय किए जा रहे थे, जिसके कारण महिलाओं को सीमित लाभ ही मिल पाता था। उत्पादों की गुणवत्ता एवं उनको आकर्षक बनाने के लिए आरसेटी व अन्य खाद्य प्रसंस्करण संस्थानों के अनुभवी अधिकारियों के माध्यम से प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए हैं। स्वयं सहायता समूहों को कच्चा माल व मशीनरी क्रय करने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदान करके उनकी उन्नति के लिए नए पथ सृजित किए गए हैं। विभाग द्वारा उनकी कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए विडियो काॅन्फ्रेंसिंग एवं जागरुकता शिविरों के माध्यम से भी कई प्रयास किए जा रहे हैं।
विकास खंडों में स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए हिम ईरा के नाम से दैनिक एवं साप्ताहिक विक्रय केन्द्र खोले गए हैं जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को मार्किट की सुविधा मिल सके, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हर विकास खंड में शक्ति जन सुविधा केन्द्र खोलने के सफल प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत बंगाणा विकास खंड के बौल में एक जनशक्ति सुविधा केन्द्र खोला गया है जिसमें उत्तम एवं उच्च गुणवत्ता के उत्पाद विक्रय करने के लिए रखे गए हैं जिसमें दलिया, बड़ियां, सरसों का तेल, सेवियां, बांस के बने उत्तम दर्जे के उत्पाद इत्यादि विशेष रुप से शामिल हैं। इसके अलावा एटीएम, आर्ट गैलरी, स्वच्छता केबिन, फूड कोर्ट और प्रसाधन की सुविधा भी वहां उपलब्ध करवाई गई है। इसी तर्ज पर जिला के अन्य विकास खंडों में भी जन शक्ति सुविधा केन्द्र खोलने के प्रयास आरंभ कर दिए गए हैं।
कोरोना महामारी होने के बावजूद बौल जन सुविधा केन्द्र में अप्रैल से जुलाई, 2021 तक कुल 72500 रुपये लागत के उत्पाद विक्रय किए गए हैं। इसकी सफलता के उपरांत उपायुक्त, ऊना राघव शर्मा के निर्देश पर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा इसमें एक कदम आगे बढ़ाते हुए जिलास्तर पर इन समूहों की फेडरेशन का गठन करके विभिन्न विकास खंडों की सक्रिय महिलाओं का समर्थ, ऊना नामक फेडरेशन के तहत नियमानुसार पंजीकरण करवाया जा चुका है। फेडरेशन के पदाधिकारी हर माह जिलास्तर पर पूर्व निश्चित तिथि पर बैठक करते हैं और स्वयं सहायता समूह की समस्याओं के बारे में चर्चा उपरांत उसका समाधान कुशल अधिकारियों के सहयोग से करते हैं। इन उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के अंतर्गत पंजीकरण करवाने के लिए भी कदमताल शुरु कर दी गई है, ताकि मानकों के अनुसार उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
जिला ऊना में स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा डीसी राघव शर्मा के सतत मार्गदर्शन में एक सार्थक पहल के अंतर्गत उत्पादों की ब्रांडिंग एवं पैकेेजिंग करने और उत्पाद को आकर्षक एवं उत्कृष्ट बनाने के लिए नई पैकेजिंग के साथ शुभारंभ करने की कार्ययोजना जिलास्तरीय सोमभद्रा नाम से बनाई गई है। इस मेले का शुभारंभ सामभद्रा चिन्ह के साथ डीसी राघव शर्मा द्वारा 10 अगस्त, 2021 को एमसी पार्क में किया गया है। मेले के दौरान 10 से 13 अगस्त तक 29100 रुपये के उत्पाद बिक चुकें हैं जिसमें 10 अगस्त की 8600 रुपये, 11 अगस्त की 4400 रुपये, 12 अगस्त की 8800 और 13 अगस्त की 7300 रुपये की बिक्री शामिल है। यह मेला 22 अगस्त रक्षाबंधन वाले दिन तक जारी रहेगा। इस अवधि के दौरान 16 अगस्त से 22 अगस्त तक रक्षाबंधन सप्ताह मनाया जा रहा है जिसमंे बांस से बनी आकर्षक राखियां आकर्षण का मुख्य केन्द्र होंगी जिनके माध्यम से पर्यावरण अनुकूल उत्पादों के प्रयोग को प्रोत्साहन मिलेगा और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को इन उत्पादों की बिक्री से निश्चित आय प्राप्त होगी। इसके साथ जिला ऊना के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को देश के अन्य स्थानों में विक्रय करने के लिए फ्लिपकार्ट और एमेजोन जैसी कंपनियों के माध्यम से मार्किटिंग की संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है।