कुल्लू दशहरा का नया इतिहास रच गए मोदी

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कुल्लू दशहरा में PM मोदी:प्रोटोकॉल तोड़ भगवान रघुनाथ के रथ तक पहुंचे PM; इंटरनेशनल दशहरा उत्सव में 47 मिनट रुके

कुल्लू : मुनीष कौंडल

Munish Koundal, Chief Editor
MUNISH KOUNDAL
CHIEF EDITOR

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इंटरनेशनल कुल्लू दशहरा देखने कुल्लू पहुंचे। उन्होंने यहां भगवान रघुनाथजी की रथयात्रा देखी और उनके दर्शन किए। अटल सदन के प्रांगण से मोदी ने देवी-देवताओं का आशीर्वाद लिया।

इस दौरान पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर रघुनाथ जी के रथ तक पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। मोदी कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल होने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। कुल्लू में 47 मिनट रुकने के बाद मोदी दिल्ली लौट गए।

PM मोदी 10 दिन में दूसरी बार हिमाचल आए हैं। इससे पहले 24 सितंबर को ही उनकी मंडी में रैली थी। हालांकि बारिश की वजह से मोदी मंडी नहीं पहुंच पाए थे और उन्होंने वर्चुअली उस रैली को संबोधित किया था। हिमाचल प्रदेश में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

कुल्लू के दशहरा उत्सव में अपने देवता के साथ शामिल देवलू। - Dainik Bhaskar
कुल्लू के दशहरा उत्सव में अपने देवता के साथ शामिल देवलू।

47 मिनट कुल्लू में रुके प्रधानमंत्री

रघुनाथजी की रथयात्रा के साथ ही 7 दिन चलने वाले इंटरनेशनल कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज हो गया। प्रधानमंत्री मोदी बिलासपुर से दोपहर बाद 3.13 बजे कुल्लू के ढालपुर मैदान पहुंचे और 47 मिनट तक यहां रुके। इसके बाद उनका काफिला भुंतर एयरपोर्ट पहुंचा जहां से वह दिल्ली लौट गए।

हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुछ दिन पहले कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी बिजली महादेव के दर्शन के लिए भी जा सकते हैं। हालांकि मोदी के टूर प्रोग्राम में वहां का जिक्र नहीं था और वह भुंतर एयरपोर्ट से दिल्ली चले गए।

कुल्लू की शॉल-टोपी पहनकर स्वागत

कुल्लू पहुंचने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुल्लवी शॉल और टोपी पहनाकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इससे पहले मोदी ने बुधवार सुबह बिलासपुर में AIIMS और हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन किया। बिलासपुर की जनसभा में मोदी ने रणसिंघा (हिमाचल का पारंपरिक वाद्य यंत्र) भी बजाया।

भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में उमड़ी भीड़ - Dainik Bhaskar
भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में उमड़ी भीड़

बिलासपुर की सभा में PM ने विपक्षी दलों की सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले सिर्फ भूमिपूजन होता था। फिर वे भूल जाते थे। अब काम होता है। हमारी सरकार काम लटकाने में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा, ‘हिमाचल वीरों की धरती है। मैंने यहां की रोटी खाई है। मुझे इसका कर्ज भी चुकाना है।’ 

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