मोदी-चन्नी प्रसंग
मोदी-चन्नी प्रसंग
इस प्रसंग पर सोचता हूँ कि
पुरानी तीन घटनाएं याद दिला दूँ। लेखक यहां पहले ही स्पष्ट कर देना चाहता है कि जो घटनाएं जैसी हुईं, सिर्फ वैसी ही लिखी जा रही हैं।
1. ज्ञानी जैल सिंह, पूर्व राष्ट्रपति थे। उन्हें z-security प्राप्त थी। उन्होंने दिल्ली में घोषणा की – “कल मैं चंडीगढ़ पहुंचने के बाद बोफोर्स के सारे राज खोलने वाला हूँ।” तो साहब हुआ ये कि दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर सामने से एक ट्रक दनदनाता हुआ आया और जैलसिंह की कार को कुचल दिया। वे वहीं मृत्यु को प्राप्त हुए। कोई जांच नहीं हुई।
2. राजेश पायलट ने कांग्रेस नेत्री की सलाह नहीं मानी। उन्होंने घोषणा की – ” कल मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद हेतु नामांकन भरूँगा।” बस फिर क्या था, सामने से एक बस आई और उनकी कार को कुचल दिया। वो वहीं मृत्यु को प्राप्त हुए। कोई जांच नहीं हुई।
इन दोनों घटनाओं में modus of operandi एक समान थी। तीसरी घटना में modus of operandi अलग थी।
3. श्रीमन्त माधवराव शिन्दे (सिंधिया) उस लोकसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय व कर्मठ नेता थे। वे लोकसभा के लिए लगातार नवीं बार चुने गए थे व लोकसभा में विपक्ष के नेता भी थे। कांग्रेस नेत्री ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को कहा – “मैं प्रचार करने आ रही हूँ !” प्रदेश अध्यक्ष निर्भीक था। उसने कहा – “आप मत आइए। माधवराव जी को भेज दीजिए। वे ही वोट दिलवा सकते हैं।” बस फिर क्या था। माधवराव जी को बोला गया कि आप अपने व्यक्तिगत विमान से नहीं बल्कि इस विमान से जाएंगे। एक चश्मदीद किसान ने बयान दिया – “विमान में पहले बम विस्फोट हुआ, फिर आग लगी।” विमान में सवार आठों लोग मारे गए लेकिन कोई जांच नहीं हुई। अल्प काल के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी मृत पाए गए।
(डॉ. ईश्वरचन्द्र करकरे की कलम से साभार)
*सोनिया गांधी ने देश के लिए क्या-क्या काम किये
हैं?*
■राजीव गांधी अपने पूरे जीवन काल मे कुल 181 रेलिया की थीं। जिसमे 180 में सोनिया गांधी भी उसके साथ थी, बस उस दिन साथ नहीं थी, जिस दिन राजीव गांधी के जीवन की अंतिम रैली हुई। 🥜🥜*
■राजीव गांधी की हत्या के समय 14 लोगो की भी मौत हुई थी। मगर मजे की बात, इन मरने वाले 14 लोगो में एक भी कोंग्रेसी नेता नहीं था, जो भी मरे आम लोग थे। क्या ये सम्भव है कि देश के प्रधानमंत्री की रैली में उनके साथ एक भी बड़ा कोंग्रेसी नेता नहीं हो? 🥜🥜
■राजीव गांधी के साथ कोई बड़ा या छोटा कांग्रेसी नेता नहीं मरा, ना सोनिया गांधी जो हर सभा में राजीव गांधी जी के साथ रहतीं थीं। उस दिन होटल में सरदर्द के कारण रुक गईं थी, *ये आफिशियल स्टेटमेंट हैं।* तो क्या सबको मालूम था कि क्या होने वाला है ? और इस तरह पूरी कांग्रेस विदेशियों द्वारा हाइजैक कर ली गई। 🥜
■बाद मे खुद प्रियंका गांधी ने अपने बाप के कतिल को कोर्ट से माफ करने की अपील कर दी थी। 🥜?*
■जब से इटली की सोनिया मानियो इस परिवार की बहू बनकर आयी है तब से अब तक इस गांधी परिवार में एक भी मत्यु को प्राकृतिक मृत्यु का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है, सब अप्राकृतिक मौत मरे हैं 🥜🥜
°■इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी के ससुर कर्नल आनंद अपने ही फार्म हाउस से ठोडी पर गोली लगने से, मरे पाये गये थे।
■संजय गांधी हवाई जहाज गिर जाने से मारे गये । इंदिरा गांधी अपने ही अंगरक्षकों के द्धारा गोली मारे जाने से मारी जाती है।
■राजीव गांधी को बम से उड़ा दिया जाता है।
■प्रियंका गांधी के ससुर राजेन्द्र वाड्रा दिल्ली के एक गेस्ट हाउस मे मरे पाये जाते हैं । प्रियंका गांधी की ननद जयपुर दिल्ली हाइवे में कार दुर्घटना में मारी जाती हैं। प्रियंका गांधी के देवर मुरादाबाद के एक होटल मे मरा पाया जाता है।
■राजीव गांधी के सबसे खास दो दोस्त माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट ये तीनों उस बीयर बार में एक साथ जाया करते थे जिस बीयर बार में सोनिया शादी के पहले बार डांसर थी।
■राजेश पायलट एक सड़क दुर्घटना में मारा जाता है और माधवराव सिंधिया जहाज दुर्घटना में मारा जाता है।*
■ हम खुद देख सकते हैं कि केरल में नम्बी नारायण को जेल, गोधरा व मालेगांव कांड में हिन्दुओ को फसाना व पाकिस्तान आंतकवादियो को छोड़ना,हिन्दू आंतकवाद शब्द का जन्म, करोड़ों व अरबो के घोटाले, देश को कमज़ोर करना, इमरजेंसी स्टॉक 40 से 7 दिन करना, सेना को गोला बारूद ना देना, बुलेट प्रूफ जैकेट्स न देना, लड़ाकू विमान न खरीदना, कश्मीर से हिन्दू पंडितो से निकलना, 26/ 11 के लिए पाकिस्तान पर एक्शन के लिए मना करना, चीन के अम्बेसडर से मिलना व बाद में इनकार करना, सबूत देने पर सफाई देना, डिफॉल्टर्स को बैंक्स के मना करने के बावजूद अरबो रुपए के लोन देने, अब लंदन कोर्ट की मोहर से जग जाहिर।
*विशेष – संसद में हमले के दिन भी सोनिया-राहुल गांधी संसद नहीं गए थे।*
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