NASEEB SINGH
300 से ज्यादा पाकिस्तानी छात्र भारतीय झंडा यानी तिरंगा लेकर रुमानिया सीमा में पहुंचे रास्ते में इन्हें रूस की सेनाओं ने नहीं रोका बल्कि रूसी सैनिकों ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया क्योंकि बेचारे रूसी समझ रहे थे कि यह भारतीय हैं।
क्योंकि मोदी और ब्लादीमीर पुतिन की 35 मिनट की बातचीत में यह फैसला हो गया कि रूस की सेना का एक भी जवान किसी भी भारतीय छात्र को नहीं रोकेगा और इसका हल यह निकाला गया कि हर भारतीय छात्र अपने हाथ में तिरंगा लेकर चलेगा और यदि भारतीय छात्र किसी वाहन पर है तब उस वाहन पर भारतीय झंडा लगाना अनिवार्य होगा
लेकिन जब रोमानिया के अधिकारियों ने उनसे उनका पासपोर्ट मांगा तब पता चला कि यह सभी के सभी पाकिस्तानी थे फिर रुमानिया ने उन्हें अपनी सीमा के अंदर यह कहकर नहीं आने दिया कि आप की सरकार से हमें आपको वीजा फ्री ट्रैवल के लिए कोई रिक्वेस्ट नहीं मिली है और उन्हें वापस लौटा दिया
यह ससुरे अलतकिया में माहिर होते हैं
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