कत्लेआम मुख्यमंत्री सुक्खू के आदेशों की उड़ाई जा रही सरेआम धज्जियां, रातों-रात 50 से अधिक बेजुबानों की छाती पर चली आरी, अवैध कटान होता रहा, वन विभाग सोता रहा, मुख्यमंत्री और जिलाधीश कांगड़ा से की कार्यवाही की मांग
रानीताल के पास खैर के पेड़ों का बेरहमी से कत्ल, वन विभाग और ठेकेदारों की मिलीभगत से लाखों रुपये का बड़ा अवैध कटान
बीती रात जिला कांगड़ा के रानीताल के पास अपर भंगवार गाँव के जंगल में रात के अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ वन माफियाओं ने खैर के कीमती और विशालकाय पेड़ों पर बेरहमी से कुल्हाड़ी चला दी। लगभग 50 से अधिक खैर के पेड़ों को जड़ से काट दिया गया। इस घिनौने अपराध की भनक तक किसी को नहीं लगी, और स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी इसे रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए।
घटना की सूचना मिलते ही इंडिया रिपोर्टर टुडे की टीम मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया। टीम ने पाया कि अधिकतर पेड़ समूल नष्ट कर दिए गए हैं। इन पेड़ों की अनुमानित कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। घटनास्थल पर कटान के निशान स्पष्ट रूप से यह दर्शाते हैं कि यह कार्य सिर्फ वन माफियाओं का नहीं हो सकता, बल्कि इसमें वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
वनरक्षक बने विनाशक
वन विभाग के जिन रक्षकों को वनों की सुरक्षा के लिए करोड़ों रुपये की तनख्वाह दी जाती है, उन्हीं पर इन पेड़ों की कटाई करवाने और इसके बदले मोटी कमीशन लेने के आरोप लग रहे हैं। वनरक्षक ही अब वन के सबसे बड़े विनाशक बनते जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां