बकरीद का हिसाब
*पूछता है हर हिन्दू*
*मुसलमानों की संख्या भारत में ~ 30 करोड़*
*तो मुस्लिम परिवारों की संख्या ~ 3 करोड़ (मान लें 10 लोग/परिवार )*
*अब अगर हर परिवार 1 जानवर की भी 🔪क़ुर्बानी देता है तो ~ 3 करोड़ 3,00,00,000 जानवर मारे गए !!*
*मान लीजिए सिर्फ 50% परिवार ही क़ुर्बानी देते हैं 1 जानवर की तो भी ~ 1.5 करोड़ 1,50,00,000 मारे गए !!*
*अब*
*औसत 10लीटर खून भी हो 1 जानवर में तो ~ 1.5×10 = 15 करोड़ लीटर खून बह गया !!*
*@औसत वजन 200 किलो/जानवर ( 🐃भैंसा1000 🐫ऊँट1000 🐐बकरी150 🐑भेंड़ा200 ) क्योंकि सबसे हट्टे कट्टे चुने जाते हैं ~ 1.5×200 = 3,00,00,00,000 किलो हाड़ मांस !!!*
*अब पानी चाहिए होगा इन सब खून-हाड़-मांस को धोने के लिए = कम से कम 500 करोड़ लीटर पानी !!*
*चूँकि 200 किलो का जानवर कोई भी एक दो परिवार पूरा नहीं खा सकते इसलिए सड़ते हुए ~ खून, हाड़-मांस लोथड़ों को सड़क, नाली, नाले, पोखरे, खेत और नदी में फेंक दिया जाता है !!!!*
*और आप जानते हैं,इस सब से कभी भी प्रदूषण नहीं फैलता : क्योंकि ये सब सेक्युलर गन्दगी है !*
*SC को यह नहीं दीखता !*
सिर्फ होली में पानी और रंग, दीपावली में पटाखों, गणेश पूजा और नवरात्री पूजा में विसर्जन पर प्रदूषण होता है !!
*इस दोगलापंथी प्रणाली को बंद किया जाए*
*जय श्रीराम*