हिमाचल की बेटी प्रिया शक्तावत ने मुंबई में बिजनेस में धूम मचाने के बाद अब हिमाचली संगीत में अपना दबदबा कायम करने की ठानी है

प्रिया शक्तावत को उम्मीद है कि हिमाचली होने के नाते पूरे हिमाचल के बच्चे युवा प्रौढ़ और बुजुर्गों का उन्हें भरपूर स्नेह प्यार व अशीर्वाद मिलेगा ताकि वह बॉलीवुड में अपना और हिमाचल का नाम रोशन कर सकें!

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” मिट्ठियाँ मिट्ठियाँ ग़ल्लाँ “

प्रिया शक्तावत– यह है हिमाचल के नए उभरतेेे हुए सितारे का नाम

BK Sood :senior executive editor and Rajesh Suryavanshi editor-in-chief

*मिट्ठियाँ मिट्ठियाँ ग़ल्लाँ* – यह है प्रिया शक्तावत का पहला लाजवाब हिमाचली डी.जे. सॉंग  (गाना)

प्रिया शक्तावत वैसे तो मुंबई की रहने वाली है परंतु हिमाचल की धरती पुत्री हैं। वह हिमाचल के कांगडा जिला के हरिपुर से सम्बंध रखतीं हैं।
उनके पिता स्व. दुर्गा दास जी कौशल सेना में रहकर देश की सेवा कर चुके हैं।
प्रिया शक्तावत का विवाह राजस्थान के उदयपुर में बिजनेसमैन से हुआ है। उनके ससुर जी भी कर्नल रह चुके हैं ,तथा प्रिया  अपने पति के साथ सब कंपनियो की डाइरेक्टर हैं।
प्रिया को हिमाचल से ख़ास लगाव है और मातृभूमि की माटी की सुगंध उन्हें हिमाचल की ओर फिर से खींच लाई और उन्होंने अपना पहला गाना पालनपुर और धर्मशाला में शूट करने का मन बनाया ।
प्रिया मुंबई से हिमाचल आई तब  करोना जेसे हालत में भी उन्होंने गाना शूट किया। उनका मेकप मैन भी उनकेसाथ मुंबई से हिमाचल आये थे। यह गाना बहुत ही अच्छे तरीक़े से फ़िल्माया है।
इस गाने को फ़िल्माने के लिए बहुत मेहनत की है और अच्छा खासा ख़र्चा भी किया है। क्योंकि उन्हें हिमाचल से बहुत प्यार है। इसलिए उन्होंने अपने करियर की शुरुआत हिमाचल प्रदेश के पालमपुर की हसीन वादियों से की ।  वेसे भी मुंबई के लोग ओर उनके ससुराल वालों ने उनका नाम ( हिमाचल वाली ) रखा हुआ है।
उन्हें हिमाचल की संस्कृति और हिमाचल के लोगों से विशेष प्यार और लगाव है। इसलिए उन्होंने अपने जीवन की नई पारी की शुरुआत भी हिमाचल से ही करने की ठानी है।
इस गाने में लीड रोल  कम्पनी की मालिक और सिंगर खुद प्रिया शक्तावत  स्वयं निभा रहीं हैं।  मेल मॉडल साहिल है।  ईशा गाने के विडीओ डाइरेक्टर हनी शर्मा हैं और डीओपी मनीष चौहान हैं। इस गाने के असिस्टेंट डाइरेक्टर शंभू शर्मा हैं।

यह पहली बार है के हिमाचल के लोग नृत्य और गायन में पंजाबी डी जेे लिरिक को ध्यान में रख कर यह गाना गाया गया है जिससे कि हिमाचल की संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके, जैसी पहचान  पंजाब के लोक नृत्य गायन को मिली हुई है।
हिमाचल के बहुत से लोग हिमाचल के गानों का एल्बम बनाते हैं और उसमें विशुद्ध रूप से हिमचली संस्कृति का समावेश किया जाता है,परन्तु इस गाने में पहाड़ी संस्कृति संगीत  और यहां के खूबसूरत परिदृश्य और लोकेशन के साथ साथ थोड़ा पंजाब के कल्चर का भी समावेश किया गया है। प्रिया शक्तावत को अपने आने वाले गाने से बहुत सारी उम्मीदें हैं। प्रिया का कहना हैै कि उन्हें  हिमाचल से आशीर्वाद स्नेह और प्यार चाहिए तभी वह कुछ कर  पाएंगी हिमाचल के लोगों के बिना वह अकेले कुछ नहीं कर सकती। प्रिया शक्तावत ने कहा कि यदि हिमाचल के सभी लोगों से जिसमे मैं अकेले कुछ नहीं कर सकती। आप सब की दुआएँ मिलेंगी तो ही अपकी अपनी हिमाचली बेटी, बहन, दोस्त कुछ कर सकती है।

इंडिया रिपोर्ट टुडे उनकी इस नई पहचान के लिए उन्हें शुभकामनाएँ प्रेषित करता है। 

आपका भविष्य स्वर्णिम हो।

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