म्युनिसिपल कारपोरेशन पालमपुर की खुल गई पोल, कूड़ा उठाने वाले हो गए गोल

नगर निगम की कार्यप्रणाली पर दुख

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म्युनिसिपल कारपोरेशन पालमपुर की खुल गई पोल,

कूड़ा उठाने वाले हो गए गोल

INDIA REPORTER NEWS
PALAMPUR : RAJESH SURYAVANSHI

सरकार की लाख कोशिशों के बाद मारंडा यानी बनघियार के लोगों ने म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन पालमपुर में सम्मिलित होने का बन बनाया था जिसका मुख्य उद्देश्य था कूड़ा-कर्कट और गंदगी से निजात पाना। पहले कुछ महीने टेंडर होने का तर्क दिया जाता रहा और लोगों को बताया जाता रहा कि टेंडर फाइनल होते ही कूड़ा डोर टू डोर उठाया जाएगा। पहली तारीख भी आ कर चली गई। लीग कूड़ा इकट्ठा करके अपने घर में गंदगी इकट्ठी करते रहे कि कोई वादा निभाने आएगा। लेकिन सभी वादे राजनीतिज्ञों की तरह झूठे साबित हुए। नगर निगम की कार्यप्रणाली पर दुख बहुत हुआ।

कारपोरेशन के इंस्पेक्टर रमन से जब 2 बार बात हुई तो उन्होंने झूठे आश्चासं देकर लोगों को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
आज 14 तारीख हो गई, लेकिन कारपोरेशन के कमिश्नर व कर्मचारियों की इस मामले ने एक नहीं चल रही। चलेगी भी कैसे? काम ठेके पर दिया जा चुका है। ठेकेदार के पास स्टाफ नहीं था, अब स्टाफ पूरा हुआ तो ठेकेदार अपनी मनमर्ज़ी कर रहा है।
कारपोरेशन के साथ उसकी ट्यूनिंग शायद नहीं हो रही जिस वजह से डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम लटका पड़ा है। लोग परेशान हैं साथ ही कमिश्नर साहिब भी। क्योंकि उनके कहे अनुसार कार्य नहीं हो रहा। जिन्हें कमिश्नर साब आश्वासन दे रहे हैं उन्हेंअपने स्टाफ के लापरवाह रवैये के कारण शर्मिन्दा होना पड़ रहा है। काम ठेकेदार के पास है। शायद वोह भी किसी कारण से परेशान होगा।
आखिरकार लोगों का क्या दोष है। पिस तो लीग रहे हैं। विधायक विपिन परमार ध्यान दें, ऐसा लोग कह रहे हैं। उनकी कमान मारंडा के लिए जितनी ढीली पड़ती जाएगी, उतना ही नुकसान हो सकता है। इसलिए विधायक भी इस समस्या का संज्ञान लें गंभीरता से ताकि लोग उग्र न हों।
जब कॉर्पोरेशन के इंस्पेक्टर रमण कुमार से IR TODAY की बात हुई तो उनके पिछले एक हफ़्ते से दिए जा रहे झूठे आश्चासनों की पोल खुल गई। विभाग की लापरवाही और वेशर्मी जगजाहिर हो गई जब उन्होंने बताया कि काम ठेके पर दिया जा चुका है इसलिए वह लाचार हैं।
लोगों ने इंडिया रिपोर्टर टुडे के माध्यम से सरकार से मांग की है कि या तो वह संबंधित विभाग को चुस्त दुरुस्त करें या फिर कोई अन्य विकल्प निकालें ताकि सरकार की साख पर आंच न आये।
बता दें, मारंडा राजनीति की धुरी रहा है और मारंडा के साथ सौतेला रवैया दोषी के गले की फांस बना है।
अब देखते हैं मारंडा कि गंदगी कब साफ होगी, सफाई के लिए ज़िम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी?

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