बैशाखी के पावन अवसर पर ऐतिहासिक संगम स्थल में देव बालक महेश्वर ने किया शाही स्नान, सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भी लगाई डुबकी
बैशाखी के पावन अवसर पर ऐतिहासिक संगम स्थल में देव बालक महेश्वर ने किया शाही स्नान
सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भी लगाई डुबकी
BHUNTAR
Munish Koundal
वैशाखी के पावन अवसर पर देव बालक महेश्वर बजौरा से लाव-लश्कर के साथ पार्वती और ब्यास नदी के ऐतिहासिक संगम जिया पहुंचे । संगम स्थल पर पहुंचते ही देव बालक महेश्वर ने श्रद्धालुओं के साथ शाही स्नान किया।
देवता को शुभ बेला में देव विधि के साथ कारदार हेत राम, गुर राम सिंह आदि ने देव खेल के साथ शाही स्नान करवाया गया।
इस दौरान ढोल, नगाड़ों, करनाल, नरसिंगों की स्वरलहरियों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इस भव्य नजारे को देखने के लिए श्रद्धालु भी पहुंचे। नए रथ में बिराजमान होने के उपरांत पहली बार देवता अपने देवालयों से बाहर निकलकर संगम स्थल पर पहुंचे हैं।
जैसे ही शुक्रवार को देवता,बजौरा से होकर भुंतर बाजार,हाथीथान पहुंचे तो देवरथ के आगे कई लोग नतमस्तक हुए। इसके बाद देवता संगम स्थल की ओर रवाना हुए। जैसे ही देवता संगम स्थल पर पहुंचे तो यहां स्नान से पूर्व देवविधि से परंपरा का निर्वहन किया।
इसके बाद शाही स्नान किया गया। शाही स्नान के बाद देवता अपने कारकूनों के साथ देवालय की ओर लौटे। बताया जा रहा है कि देवता ने हारियानों को शाही स्नान के आदेश दिए थे।
देवता के कारदार हेतराम, मंदिर कमेटी के प्रधान रमेश कुमार व सदस्य झावे राम पहलवान आदि ने कहा कि देवता बालक महेश्वर सात हारी के स्थानीय देवता हैं। संगम स्थल जिया जिला का सबसे बड़ा तीर्थ है। इस संगम स्थल में अन्य देवता भी स्नान के लिए आते हैैं। बालक महेश्वर हाथीथान व जिया आदि स्थानों पर में सावन के महीने में श्रद्धालुओं के बुलावे पर खीर के भंडारे में हर वर्ष आते हैं । उन्होंने कहा कि इस दौरान सभी परंपराएं निभाई गई ।