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“नाभि अमृत”
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*क्या है नाभि अमृत*?
INDIA REPORTER TODAY
RAJESH SURYAVANSHI
आयुर्वेदिक के मुताबिक नाभी हमारे शरीर का केंद्र बिंदु है जिसके साथ हमारे शरीर की 72000* से भी अधिक नसों का जुड़ाव है जिसके साथ मनुष्य शरीर के सारे अंग जुड़े हैं और हमारे पुराने पूर्वज और वेद जब कोई डॉक्टरी सुविधा नहीं थी तब भी नाभि द्वारा ही इलाज करते थे क्योंकि उन्हें मालूम था कि नाभी हमारे शरीर की जड़ है इसलिए ही आयुर्वेदिक नाभि को ही केंद्र बिंदु मानता है जिससे मनुष्य शरीर की किसी भी बीमारी को खत्म किया जा सकता है।
*नाभि अमृत कैसे और कौन सी विधि से तैयार होता है*
नाभि अमृत हजारों साल पुरानी विधि अनुसार शुद्ध वनस्पति के तेल और अर्क से तैयार किया जाता है ।
नाभि अमृत आयुर्वैदिक विधि मुताबिक ही तैयार किया जाता है जिससे मनुष्य शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ता और मनुष्य शरीर को तंदुरुस्त और निरोग रखता है।
*नाभि अमृत कौन- कौन सी बीमारी में फायदेमंद*
मधुमेह, थायराइड, ब्लड प्रेशर, हाथ-पैरों का कांपना, सर्वाइकल, आधा सर दर्द, बवासीर, औरतों और मर्दों के गुप्त रोग, पेट के रोग, चर्म रोग, बाल का झड़ना, घुटनों में दर्द, अधरंग, पेशाब संबंधी रोग, लीवर संबंधी रोग,
नसों की ब्लॉकेज, migraine आदि।
चमत्कारी व पक्का इलाज
उपरोक्त सभी बीमारियों में बहुत ही फायदेमंद है । नाभी अमृत को सिर्फ अपने नाभि में रात को सोने से एक घंटा पहले डालना और एक घंटा सीधे बेड पर लेट जाना है ।
1 घंटे के बाद नाभी के ऊपर बचे हुए तेल की मसाज कर देनी है यह विधि बिना नागे रोजाना एक से दो बार करनी है।
10 दिन से एक महीने में अद्भुत व चमत्कारी रिजल्ट दिखना शुरू हो जाता है और 3 महीने में आप निरोग हो जाते हैं।