सोशल मीडिया के बहुचर्चित साक्षात्कार कार्यक्रम ‘नमस्ते भारत’ द्वारा व्यंग्य रचना पाठ का आयोजन

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सोशल मीडिया के बहुचर्चित साक्षात्कार कार्यक्रम ‘नमस्ते भारत’ द्वारा व्यंग्य रचना पाठ का आयोजन

Rajesh Suryavanshi
editor-in-chief

सोशल मीडिया के बहुचर्चित साक्षात्कार कार्यक्रम ‘नमस्ते भारत’ द्वारा  रविवार 29 अगस्त को शाम सात से आठ बजे तक व्यंग्य रचना पाठ का आयोजन किया गया। “व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है, जीवन की आलोचना करता है। विसंगतियों, अत्याचारों, मिथ्याचारों और पाखंडों का पर्दाफ़ाश करता है।” व्यंग्य पितामह हरिशंकर परसाई की इस प्रसिद्ध उक्ति से कार्यक्रम का आगाज़ करते हुए ‘नमस्ते भारत’ की संयोजक व सूत्रधार सुश्री चंद्रकांता ने अतिथि वक्ताओं को व्यंग्य पाठ के लिए आमंत्रित किया।

कार्यक्रम में जम्मू से कवयित्री व व्यंग्यकार सुश्री अनिला सिंह चडाक ने ‘मास्क के पीछे क्या है’ व  ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’ रचनाओं का पाठ किया। उनके व्यंग्य ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल कॉलेज में प्रिंसिपल रह चुकी सुश्री अनिला लेखन के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम है। आपको जम्मू कश्मीर साहित्य अकादमी सम्मान से भी पुरस्कृत किया जा चुका है।

कवि लेखक व व्यंग्यकार श्री रणविजय राव ने ‘नाक पर मक्खी बैठ ही जाए तो क्या है!’ और ‘नशे में कौन नहीं है’ व्यंग्य रचनाओं के पाठ से श्रोताओं को मोह लिया। वर्तमान में लोकसभा सचिवालय में संपादक के पद पर कार्यरत श्री रणविजय जी को हाल ही में राजीव गाँधी रत्न सम्मान से नवाज़ा गया है।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पत्रकार, उद्घोषक व व्यंग्यकार श्री प्रभात गोस्वामी को भी शामिल होना था किंतु तकनीकी व्यवधान के चलते यह संभव नहीं हो सका। प्रभात जी ने बतौर श्रोता कार्यक्रम में शिरकत की और नमस्ते भारत मंच का उत्साहवर्धन किया। प्रभात जी की व्यंग्य रचना ‘साहित्य पर्यटन में आंनद के झूले’ का पाठ चंद्रकांता द्वारा किया गया। जिसे श्रोताओं की खूब सराहना मिली।

वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री फ़ारुख अफरीदी, व्यंग्यकार व संचालक श्री पिलकेंद्र अरोरा एवं वरिष्ठ कवयित्री सुश्री सरोज परमार सहित सैकड़ों श्रोताओं ने कार्यक्रम को अपनी सक्रिय भागीदारी से समृद्ध किया। ‘नमस्ते भारत’ समाज, साहित्य, संस्कृति, लोक कला-रंगमंच, सिनेमा व पर्यावरण हेतु संवाद का बहुआयामी मंच है। यह एक आभासी मंच है जिसकी सूत्रधार व संयोजक सुश्री चंद्रकांता हैं। डी. डी. शर्मा कार्यक्रम के तकनीकी निदेशक हैं। कार्यक्रम को सुनने के लिए www.facebook.cim/chandrakanta.writer से जुड़ा जा सकता है।

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