हास्य कलाकार डॉ. जगबीर राठी के “बोल तेरे मीठे – मीठे’
हास्य कलाकार डॉ. जगबीर राठी ने सूत्रधार चंद्रकांता के प्रश्नों का उत्तर देते हुए अपनी बेबाकी और स्पष्टता से दर्शकों व श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया
सोशल मीडिया के बहुचर्चित साक्षात्कार कार्यक्रम ‘नमस्ते भारत’ में शनिवार को हरियाणा के संस्कृति कर्मी, अभिनेता, गायक, कवि और हास्य कलाकार डॉ. जगबीर राठी ने सूत्रधार चंद्रकांता के प्रश्नों का उत्तर देते हुए अपनी बेबाकी और स्पष्टता से दर्शकों व श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपना प्रसिद्ध गीत ‘बोल तेरे मीठे मीठे’ सुनाया और अपनी सर्वप्रिय कविता ‘माटी का चूल्हा’ का भी पाठ किया। उन्होंने कहा की अभिनय हो, कविता हो या हास्य कलाकार को अपने कर्तव्य की तरह इसे देखना चाहिए। लोकगीत, शादी ब्याह के गीत और सॉन्ग लोकनाट्य की परंपराओं को लोग भूल रहे हैं इस पर डॉ. राठी ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि कविता उद्योग बन गई है हो गई है। मंच पर आने से पहले कविता कम होती है और चुटकुलेबाजी और मसखरेबाजी अधिक। कार्यक्रम में दर्शकों व श्रोताओं की बड़ी संख्या में भागीदारी रही।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण निदेशक के पद पर कार्यरत डॉ. राठी ने हाल ही में अश्लीलता के मुद्दे पर एक बड़े बैनर की वेबसीरिज में काम करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।उन्होंने फिल्मों, वेब सीरीज, हास्य मंचों और रागिनियों में अश्लीलता व फूहड़ता का खुलकर विरोध करते हुए कहा की समय में परिवर्तन सृष्टि का नियम है लेकिन हमें अपने संस्कारों को नहीं भूलना चाहिए। सभी गालियाँ औरतों का अपमान करती हैं जबकि औरतें समाज सम्मान और श्रृंगार है। एक दौर था जब चंद्रावल सरीखी फिल्में हरियाणा से बाहर भी खूब चाव से देखीं जाती थीं। लगभग पाँच वर्ष पूर्व ऑनर किलिंग के मुद्दे पर बनी फिल्म ‘पडी-दी ऑनर’ को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। चंद्रकांता द्वारा हरियाणा की स्वतंत्र फिल्म पॉलिसी का मुद्दा उठाने पर डॉ. राठी ने कहा कि फ़िल्में पॉलिसी से नहीं फिल्मकार की इच्छाशक्ति से बनती हैं। हाल के वर्षों में हरियाणा अपनी अलग बोली की वजह से बॉलीवुड में काफी डिमांड में है।
आमिर खान के साथ कार्य करने के अनुभव को लेकर उन्होंने कहा कि वे बहुत ही ‘डाउन टू अर्थ’ व्यक्ति हैं । कुछ वर्षों पूर्व डॉ. राठी ने सोशल मीडिया पर उनकी कविता को बगैर क्रेडिट साझा करने के बाबत अभिनेता अमिताभ बच्चन को नोटिस भेजा था। इस परकरण को ‘नमस्ते भारत’ से साझा करते हुए उन्होंने बताया की इस मुद्दे ने अपने समय में काफी सुर्खियाँ बटोरी थीं। कार्यक्रम के दौरान ही उन्होंने यह जानकारी भी दी कि हरियाणवी फिल्म बहूरानी में नायिका की भूमिका वर्तमान अभिनेत्री भूमिका पेडणेकर की माताजी सावित्री पेडणेकर द्वारा अभिनीत की गयी थी।
हरियाणा रंगमंच के मुद्दे पर उन्होंने कहा जो कलाकार बदलाव कर सकने की स्थिति में है वे बेईमानी कर रहे हैं। कोरोना काल में रंगमंच के कलाकारों को भयंकर आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जब कलाकारों की बात आती है तो सरकार के फंड सूख जाते हैं।
इस बात पर गहरा रोष प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि जिस सरकार के पास कलाकारों की रोटी के लिए कोई पैसा नहीं वह सरकार सत्ता के लायक भी नहीं है। उन्होंने बताया कि उनका होम प्रोडक्शन जे.आर एंटरटेनमेंट युवा प्रतिभाओं को मंच दे हा है इसके तहत ‘कैंप वनवास’ नाम से वेब सीरीज की शुरुआत की गई थी बहुत बड़ी संख्या में उन्होंने युवाओं को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा। डॉ.राठी ने ‘नमस्ते भारत’ के मंच यह खुलासा किया की 1 नवंबर को हरियाणा दिवस पर उनकी नयी फिल्म ‘दिल हो गया लापता’ प्रदर्शित होने जा रही है।
‘नमस्ते भारत’ का सीधा प्रसारण प्रत्येक शनिवार शाम 7 से 8 बजे फेसबुक पर किया जाता है। साहित्यिक व सांस्कृतिक अभिरुचि के श्रोताओं में यह कार्यक्रम बेहद प्रसिद्द है। कार्यक्रम के तकनीकी निदेशक पालमपुर हिमाचल प्रदेश से डी.डी. शर्मा हैं और कार्यक्रम का संयोजन व संचालन सुश्री चंद्रकांता द्वारा किया जाता है।