NHAI : अधिकारी हुए बेलगाम, अंधेर नगरी चौपट राजा, अफसरशाही पर लगाम कसे सरकार, नेशनल हाईवे को दो बार उखाड़ कर सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले एक सप्ताह बाद भी कानून की गिरफ्त से दूर, अपराध कर घूम रहे सरेआम, पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज एक्ट के तहत ग़ैर ज़मानती वारंट का बनता है मामला
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NHAI की संपत्ति नेशनल हाइवे को आपसी मिलीभगत से
दो बार उखाड़ डाला, कुंभकर्णी नींद में सो रहा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया
रोटरी आई हॉस्पिटल के सामने दो दिन में दो बार नेशनल हाइवे को आर-पार उखाड़ डाला कुछ स्थानीय लोगों ने पेयजल की क्रॉस पाइप डालने हेतु ताकि जल शक्ति विभाग की मुख्य पाइप से पानी खींचा जा सके।
इस धांधली को NHAI की आंखों मदन धूल झोंककर दो स्थानीय भाइयों ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया। तथाकथित अभियुक्त एक सप्ताह बीत जाने के बाद दूध भी कानून की ग्राफ्ट से दूर घूम रहे हैं बेलगाम बताया जाता है कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कुछ कर्मचारी और अधिकारी अभियुक्तों के साथ मेरी भगत करके उनके किए पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं ।
उनकी यही कोशिश है कि जो सड़क दो बार उखड़ी गई उसे पर रूटीन से जो तारकोल बिछाया जा रहा है उसे डालकर, सड़क के गड्ढों को भरकर गुनाहों के निशाने को मिटाया जा सके। लोगों ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि कोई व्यक्ति पब्लिक प्रॉपर्टी की एक ईंट भी उखाड़ देता है तो उसके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट भेजे जाते हैं अब जबकि उक्त व्यक्तियों ने नेशनल हाईवे को आर पार दो बार उखाड़ फेंका उनके खिलाफ आज तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया कोई भी एक्शन लेने में नाकामयाब साबित हुई है ।
इससे प्रतीत होता है की दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है।
रात के अंधेरे में सुनसान नेशनल हाईवे को आरपार लगभग 30 फुट तक उखाड़ दिया गया। 8-10 मज़दूर और दोनोँ भाई रात के अंधकार में नेशनल हाईवे कज छाती पर ज़ोरशोर से गैंती, झब्बल, छिनी आदि से प्रहार करते रहे, कई घंटों तक ताबड़तोड़ खुदाई चलती रही, खुदाई पूरी होते ही मोटी पाइप नेशनल हाईवे में दफ़न कर के ऊपर से मिट्टी और उखाड़े गए मलवे से ढक दिया गया लेकिन विभागीय अधिकारी व कर्मचारी कुंभकर्णी नींद सोते रहे।
दूसरे दिन नेशनल हाईवे की हालत टूट-फूट से और भी बदतर हो गई लेकिन विभाग फिर भी लंबी ताने पड़ा रहे, दो दिन बीत गए पर कोई विभागीय स्टाफ नहीं जागा।
परिणामस्वरूप कथित दोषियों के हौंसले इतने बढ़ गए कि उन्होंने दिन-दहाड़े खिली धूप में उसी हाईवे की छाती कक फिर से रौंद डाला। सड़क उखाड़ी गई और पाइप को गड्ढे से बाहर निकाल कर पुनः साथ लगती दुकान में स्टोर कर दिया गया। लेकिन NHAI के अधिकारी व कर्मचारी फिर भी निश्चिंत होकर लापरवाही बरतते हुए आंखें मूंदे रहे। दो बार सरकारी संपत्ति को लगभग 50 हज़ार का नुकसान पहुंचाया गया लेकिन विभाग सोता रहा। किसीने कोई एक्शन नहीं लिया और दोषी सरेआम अपनी धांधली को अंजाम देते रहे।
अब जो पर्दाफाश हुआ है उससे कई गंभीर सवाल उत्पन्न हो रहे हैं।
-इस सारी धांधली में किस-किस सरकारी विभाग के कर्मचारी या अधिकारियों की मिलीभगत रही?
-सरकारी संपत्ति को उखाड़ फैंकने के जो लोग सुबूत समेत दोषी पाए गए हैं उनके ख़िलाफ़ क्या विभागीय कार्यवाही हुई और अगर कोई एक्शन नहीं दिया गया तो उसके पीछे क्या कारण रहे?
अब भी अगर NHAI के अधिकारी कार्यवाही करके, ईमानदारी का परिचय देते हैं तो दोषियों के खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी? वैसे तो पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज एक्ट के तहत अगर कोई व्यक्ति एक ईंट भी उखाड़ता है तो गैरजमानती वारंट भेजकर तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाता है और इस मामले में दो बार पूरी सड़क को तोड़ डाला गया तो विभाग चुप क्यों है?
जिन लोगों ने इस धांधली को अंजाम दिया है उन्हें कानून की समझ है फिर भी इतनी बड़ी कोताही कैसे हुई?
क्या NHAI विभाग मारंडा में हुई इस घटना में दोषियों के खिलाफ ठोस कार्यवाही करके उन्हें सजा देगा या सरकार की आंखों में धूल झोंककर इस मामले को यूं ही रफादफा कर देगा? लोग टकटकी लगाए विभाग की ओर देख रहे हैं।
जब उक्त घटना बारे दोनों भाइयों से जानकारी मांगी गई तो दोनों भाई ख़ामोश रहे और कोई उत्तर न दे सके।