न्यूजचैनली बेशर्मी, हुड़दंग लगातार कितना भद्दा भोंडा और अश्लील होता जा रहा है,
Aryan Drug Abuse Case
देश के सबसे प्रख्यात वकीलों में से एक मुकुल रोहतगी 26 अक्टूबर को आर्यन खान की तरफ से मुंबई हाईकोर्ट में जब प्रस्तुत हुए तो उन्होंने आर्यन खान शाहरुख खान की तरफ से सबसे पहले एक हलफनामा हाईकोर्ट को दिया।
उसमें शपथपूर्वक यह कहा गया था कि ‘हमें NCB या समीर वानखेड़े समेत NCB के किसी भी अधिकारी से कोई शिकायत नहीं है। वह अपना कार्य कर रहे हैं। हमसे किसी ने ना कोई पैसे मांगे हैं, ना ही हमने किसी को कोई पैसे दिए हैं। हमारी मैनेजर पूजा डडलानी की किसी से कोई मुलाकात नहीं हुई है।’
हाईकोर्ट को यह शपथपत्र देनें के पश्चात ही मुकुट रोहतगी और उनकी टीम ने आर्यन खान की जमानत के लिए बहस शुरू की थी, जो अभी भी चल रही है।
लेकिन जरा अपने दिमाग पर जोर डालिए और याद करने कि कोशिश कीजिए कि, क्या किसी भी न्यूजचैनल ने उस शपथपत्र और उसमें दर्ज सच्चाई के विषय में कोई सूचना दी थी.? उत्तर है नहीं। लेकिन वरिष्ठ एवं अनुभवी प्रखर पत्रकार डॉ. मनीष कुमार ने वह सच्चाई अपने यूट्यूब चैनल पर कुछ घंटों बाद ही, 26 अक्टूबर की शाम को उजागर कर दी थी।
आज भी उस शपथपत्र की सच्चाई का किंचित मात्र उल्लेख कोई भी न्यूजचैनल नहीं कर रहा है। जबकि 26 अक्टूबर की सुबह से सभी न्यूजचैनलों के रिपोर्टर हाईकोर्ट के इर्दगिर्द मक्खियों की तरह भिनभिना रहे हैं। न्यायालय की हर कार्रवाई की सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी देने का दावा कर रहे हैं। ये न्यूजचैनल भले ही शपथपत्र की सच्चाई देश से छुपा रहे हों।
दअरसल उस शपथपत्र में दर्ज सच्चाई उजागर करते ही समीर वानखेड़े के खिलाफ भयानक झूठ की जो आग नवाब मलिक और इन न्यूजचैनलों द्वारा लगायी और फैलाई जा रही है वो तत्काल बुझ जाएगी। परिणामस्वरूप नवाब मलिक और न्यूजचैनलों के धूर्त गठबंधन की साज़िश धूल चाट जाएगी। पिछले कई दिनों से यह धूर्त गठबंधन NCB और समीर वानखेड़े के खिलाफ झूठ की आग किस तरह लगा फैला रहा है, जरा इसे भी समझिए।
नवाब मलिक ने 25 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप समीर वानखेड़े पर लगाया था। उसने यह आरोप इसलिए लगाया था क्योंकि खुद उसी के अनुसार उसने यह सुना है कि किसी प्रभाकर सैल ने सुना है कि समीर वानखेड़े 25 करोड़ रुपए उगाही की डील शाहरुख खान से कर रहा है। नवाब मलिक से यह कहानी न्यूजचैनलों ने सुनी और अपने उलूल जुलूल सवालों का हुड़दंग शुरू कर दिया कि समीर वानखेड़े और NCB गम्भीर आरोपों के घेरे में। उनकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं। हालांकि हास्यास्पद स्थिति यह है कि उन आरोपों से संबंधित किसी प्रकार का कोई साक्ष्य, कोई तथ्य, कोई सुराग आज भी ना तो इन न्यूजचैनलों के पास है, ना नवाब मलिक के पास है, ना ही प्रभाकर सैल के पास है। लेकिन न्यूजचैनलों के हुड़दंग में कोई कमी नहीं आयी है। यह न्यूजचैनली हुड़दंग लगातार कितना भद्दा भोंडा और अश्लील होता जा रहा है, पिछले कई दिनों से पूरा देश यह शर्मनाक सच देख रहा है। यह कितने घिनौने मापदंड की कौन सी घृणित पत्रकारिता है.? ऐसी घिनौनी घृणित पत्रकारिता की शिक्षा दीक्षा किसी विद्यालय के बजाए वेश्यालय में ही दी जाती होगी।
इसी मीडियाई हरामीपन को आधार बनाकर महाराष्ट्र वसूली सरकार ने वानखेड़े के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। अभियुक्त का सपथपत्र कोर्ट में जमा है कि उससे किसी ने रिश्वत नहीं माँगी और केस के मुख्य गवाह के बॉडीगार्ड के हलफनामें के बिना पर वानखेड़े पर रिश्वत मांगने के आरोप की जांच सुरु करवा चुकी है वसूली सरकार। अभियुक्त के खिलाफ गवाह बन चुके व्यक्ति के बॉडीगार्ड को अभियुक्त से ज्यादा अभियुक्त की चिंता सता रही है और उससे ज्यादा वसूली सरकार को .. !!