20 घण्टे बाद बिजली आने पर जनता ने ली राहत की सांस, 24 घण्टे से बिजली न होने के नल में भी नही आ रहा पानी, भीषण गर्मी में बिजली कट से परेशान हुई जनता

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20 घण्टे बाद बिजली आने पर जनता ने ली राहत की सांस
24 घण्टे से बिजली न होने के नल में भी नही आ रहा पानी
भीषण गर्मी में बिजली कट से परेशान हुई जनता

पालमपुर: शहर के बार्ड नम्बर 8 के ठेठ गांव खलेट में बिजली का जाना कोई नई बात नही है, यंहा अगर दिल्ली में भी हवा का झोंका आये तो इस गांव की बिजली का गुल हो जाती है। सोमवार शाम 7 बजे की गई बिजली मंगलवार को शाम 5 बजे आई है जिस पर लोगों ने राहत की सांस ली है, बिजली परेशानी तो अलग से बिजली न होने के कारण लोगो के पीने के पानी की सप्लाई भी ठप्प पड़ी हुई है। आलम यह है कि हर तीसरे ही दिन इस गांव के कुछ घरों के लिए विशेष रूप से कट लगया जाता है क्योंकि उक्त घरों में अधिकतर एससी, ओबीसी ओर एसटी की जनता प्रवास करती है तथा कभी भी बिजली जाने पर विभाग को तंग नही करती। क्योंकि उन्हें पता है कोई न कोई शिकायत कर देगा और बिजली कभी न कभी आ जाएगी। कई सालों टी यंहा पर एक खराब ट्रांसफार्मर रखा हुआ था जो हर रोज लोड पड़ने पर खराब हो जाता था। कुछ समय पहले उससे निजात मिली तो अब इस लाइन पर आए दिन पेड़ गिर जाते है, जिससे बिजली का जाना आम बात हो चुकी है। अगर इस बारे में विभाग से बात करें तो कर रहे है स्टाफ नही है कल ठीक होगी यह बहाने दे कर लोगो को सन्तुष्ट किया जाता है। मगर हैरानी इस बात की है कि हर सोमवार को आवश्यक रखरखाव के नाम पर जो बिजली बंद की जाती है उस दौरान पेड़ों की छंटाई क्यों नही की जाती। हालत इसलिए भी खराब है कि जिस जगह पर बिजली का पावर सेंटर है वो एरिया सुलह में आता है और यह शहर का पिछड़ा गांव पालमपुर में जिसके चलते यंहा तैनात स्टाफ राजनीतिक दबाब से भी बेखोफ रहते है और बेचारी जनता फिर इंतजार के अलावा कुछ नही कर सकती। आलम यह है कि यदि महीने में एक बार भी बिजली जाए तो माँ लिया जाए लेकिन रोज रोज बिजली का जाना अब गले नही उतरता। लोगो का कहना है हर 15 दिन बाद बिजली वाले बिल लेने तो आ जाये है लेकिन जब बिजली जाती है तो फोन तक नही उठाते। उधर जब नगर निगम के गांव को जबरन विरोध के बाबजूद शामिल किया गया तो यह दावे किए गए थे कि 24 घण्टे बिजली पानी सुचारू रूप से मिलेगा। लेकिन अब तो हालत पंचायत से भी बदतर हो गए है, कोई सुनने वाला नही है। इस बाबत जब बिजली विभाग के सहायक अभियंता को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नही उठाया। उधर नगर निगम वाले सीधे बिजली वालों से ही बात करने की नसीहत देते है।

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