न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ भारत, शाखा हिमाचल प्रान्त, प्रदेश उपाध्यक्ष अनूप वालिया ने मांग की कि कर्मचारियों के लिए 15 साल सेवाकाल का फायदा देते हुए पुरानी पेंशन दी जाए ।
उन्होंने जारी बयान में कहा कि इस समय एनपीएस के नाम पर अरवों का बोझ सरकार के ऊपर है और देखा जाए तो सरकार द्वारा दिया जाने वाला 14 फीसदी पैसे की बर्बादी है इससे तो अच्छा होगा कुछ सालों का फायदा देकर पुरानी पेंशन ही दे दी जाए । दूसरी तरफ राज्य अध्यक्ष प्रवीण शर्मा व महासचिव रजिंद्र स्वदेशी ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि थोड़ा सरकार हमारी बात माने और कुछ हम मानते हैं तो समकक्ष रास्ता निकाला जा सकता है । हम समझते हैं कि जिन्हें पुरानी पेंशन मिलती है तो कुछ को लाखों में मिलती है ऐसे में लाजिमी है कि सरकारी खजाने पर बोझ पड़ा हो परन्तु एक कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद इतनी पेंशन तो चाहिए ताकि बूढ़े दम्पति को भीख न मांगनी पड़े ।
सुझाव है कि पेंशन के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए । कर्मचारी चाहे 35 साल सेवाएं दे या 40 साल 15 साल सेवाकाल होने पर पेंशन रोक ली जाए और रिटायर होने पर जो अंतिम सैलरी 15 साल के सेवाकाल में मिली थी उसका आधा भाग डीए के साथ रिटायर कर्मी को दिया जाए । और साथ ही अनुबन्ध समय को पेंशन के लिए जोड़ा जाए क्योंकि कुछ कर्मचारी दस साल भी पक्की नौकरी नही कर पाते ।यही बीच का रास्ता है ।
कर्मचारी देश हित चाहते हैं ऐसे में सरकार को भी सोचना चाहिए । तभी देश विकसित होगा न कि कर्मचारियों के भविष्य को निजी हाथों में देकर होगा ।
इस अवसर पर राज्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा मल्लू ,राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर शर्मा , श्याम सुंदर , कुलजीत राणा व अन्य ने मांग का समर्थन किया ।