सेवानिवृत कर्मियों का बुढ़ापा गलत नीतियों के कारण असुरक्षित हो चुका है

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बेटे को बहु ले जाएगी ,बेटी को दामाद, पेंशन अटल जी ले गए अब सेवानिवृत होने पर बुढ़ापा किसके साथ ।पेंशन के मुद्दे पर पूरा देश चुप है । न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ हिमाचल प्रदेश राज्य अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि सेवानिवृत कर्मियों का बुढ़ापा गलत नीतियों के कारण असुरक्षित हो चुका है । किसी भी राजनीतिक दल ने पुरजोर से एनपीएस कर्मियों का पक्ष नही रखा जबकि एनपीएस कर्मियों ने देश भर के सभी राजनीतिक दलों से आस रखी थी परन्तु आस अधूरी रही । प्रवीण शर्मा ने कहा कि न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ ने हर सम्भव प्रयास किए की रिटायर हो चुके एनपीएस कर्मियों को सम्मानजनक पेंशन मिले ताकि उन्हें किसी पर निर्भर न रहना पड़े । इसके लिए हमने एनपीएस कर्मी विधायक के द्वार अभियान के तहत हर विधायक को कर्मियों की सम्मानजक पेंशन के लिए ज्ञापन सौंपे और साथ ही लगातार 144 घंटे की भूख हड़ताल भी रखी व साथ ही हाई पावर कमेटी की मीटिंग में एनपीएस कर्मियों का सहजता से पेंशन मुद्दा रखा परन्तु यही सुनने को मिला की आर्थिक घाटा है अब यह आर्थिक घाटा तो कभी भी खत्म नही होगा तो ऐसे में बिन पेंशन रिटायर दम्पति कैसे अपना बुढ़ापा बिताए क्या चंद निजी लोगों को धनवान बनाने के लिए कर्मचारियो की ही कुर्बानी दी जाएगी अगर ऐसा नही है तो फिर हर संबैधानिक हक कर्मचारियो से ही क्यों छीना जा रहा है । दूसरी तरफ राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवना राणा ने भी संवेधानिक हक का हवाला देते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने से अच्छा है कि सरकार की रीढ़ कर्मचारियों की सुध ली जाए क्योंकि कर्मचारी देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं । पवना ने कहा कि अगर बुढ़ापे में कर्मचारी असुरक्षित रहेंगे तो फिर अन्य देशों में क्या संदेश जाएगा ।

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