आखिर रिटायर हो चुके एनपीएस कहाँ से चुकाए एनपीएस के तहत मिले पैसे, फंड को कर्मी विवाह शादियों ,बच्चों की पढ़ाई व दो कमरों का घर बनाने में खर्च कर चुके है
आखिर रिटायर हो चुके एनपीएस कहाँ से चुकाए एनपीएस के तहत मिले पैसे क्योंकि जो रिटायर कर्मी कबाड़ और चाय बेचने का काम कर रहे हैं अगर उनके पास पैसे होते तो वे कोई बड़ा व्यापार कर सकते थे ।
न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ हिमाचल प्रदेश के राज्य अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने पुरानी पेंशन बहाली पर जो भी कार्य चल रहा है उसके लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं परन्तु जो कुछ वर्ष पहले न्यू पेंशन सिस्टम के तहत रिटायर हो चुके है वे एनपीएस के तहत मिले 60 फीसद फंड को वापिस नही कर सकते क्योंकि इस मिले फंड को कर्मी विवाह शादियों ,बच्चों की पढ़ाई व दो कमरों का घर बनाने में खर्च कर चुके है और अपनी गुजर बसर के लिए छोटे स्तर की दुकानदारी जैसे कार्य कर रहे हैं । अब जैसा कि पुरानी पेंशन देने की तैयारी चल रही है तो जिन्होंने अभी सेवानिवृत होना है उनका तो 50 फीसद जो सरकार दे रही है वापिस ले सकते हैं परन्तु सरकारी शेयर से दिया गया 10 फीसद हिस्सा रिटायर कर्मी कहाँ से देंगे । राजस्थान , झारखंड व जिन राज्यों में पेंशन बहाल हुई है उन राज्यों में 100 फीसद फंड का का पैसा रिटायर कर्मियों से वापिस मांगा जा रहा है । जो कि फिर से एक बार रिटायर एनपीएस कर्मियों से छलावा है । जीपीएफ सिस्टम में कर्मचारी हर महीने पैसे जमा करवाता है जो देश के विकास कार्यों पर खर्च होता है और यह पूरा पैसा रिटायर मेन्ट के वक्त ब्याज सहित वापिस मिलता है और पुरानी पेंशन दी जाती है । परन्तु राजस्थान सहित जिन प्रदेशों में पुरानी पेंशन बहाल हुई है वहां पर पूरा एनपीएस फंड वापिस मांगा जा रहा है । अब रिटायर हो चुके कर्मियों
पर एक शर्त रखी है कि वे मिले फंड को वापिस करें तभी पुरानी पेंशन मिलेगी । न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ , राष्ट्रीय प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा मल्लू, वरिष्ठ सलाहकार भारत भूषण , राज्य महासचिव रजिंद्र स्वदेशी , वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर शर्मा , राज्य महामंत्री एल डी चौहान ,राज्य उपाध्यक्ष अनूप वालिया व अन्य कार्यकारणी के सदस्यों ने सरकार से आग्रह किया कि इस बात पर करुणामूलक तरीके से विचार किया जाए । संघ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जीपीएफ सिस्टम के तहत ही रिटायर कार्मिकों को पेंशन दी जाए । क्योंकि रिटायर कर्मियों को सरकार ने सरकारी हिस्से का सिर्फ 10 फीसद दिया होता है और 40 फीसद सरकार द्वारा हायर की गई कम्पनियों के पास ही रहता है तो ऐसे में सरकार उन कम्पनियों से पैसा वापिस मांगे न कि रिटायर कर्मियों से इसकी वसूली की जाए । 10 फीसद रिटायर कर्मियों से न मांगा जाए बल्कि अगर वापिस लेना ही है तो किश्तों में उनकी पुरानी पेंशन जब मिलेगी तब काटा जाए । साथ ही संघ ने कहा कि भारत देश एक है तो ऐसे में केंद्र सभी राज्यों में पुरानी पेंशन एक साथ बहाल करें और राज्यों सरकारो की मदद करें ताकि रिटायर कर्मी जिसमें गुरु तुल्य शिक्षक भी आते हैं कबाड़ व सड़कों के किनारे सब्जी बेचते न दिखें ।