करोना कॉल में आइसोलेट हुए परिवारों की सहायता के लिए आगेआये गोकुल बुटेल!
पालमपुर के 6 से 8 किलोमीटर के दायरे में करवा रहे कोरोना से ग्रसित मरीजों को लंच और डिनर।
बीके सूद senior executive editor एंड राजेश सूर्यवंशी एडिटर इन चीफ
करोना कॉल में आइसोलेट हुए परिवारों की सहायता के लिए आगेआये गोकुल बुटेल!
कोरोना काल में जहां एक ओर सुधीर शर्मा जीएस बाली आशीष बुटेल आदि नेताओं ने दरियादिली दिखाते हुए अपने घरों तथा संस्थानों को कोविड की सेवा के लिए समर्पित करने का प्रस्ताव दिया ,वहीं पर गोकुल बुटेल , joint secretary AICC तथा पूर्व में हिमाचल प्रदेश मे मुख्यमंत्री सलाहकार रहे ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कोरोना बीमारी से ग्रसित हुए मरीजों को भोजन करवाने का निर्णय लिया है। क्योंकि कर्फ्यू के कारण होटल ढाबे सभी बंद हो गए हैं इसलिए जो लोग या बुजुर्ग दंपत्ति एकल परिवार में रहते हैं उन्हें खाने-पीने की बहुत दिक्कत आ रही थी, इसी दिक्कत को समझते हुए गोकुल बुटेल ने यह बीड़ा उठाया कि जो लोग घर में आइसोलेट हुए हैं और जिन की देखभाल करने के लिए कोई नहीं है उनकी देखभाल गोकुल बुटेल करेंगे ,तथा उन्हें लंच तथा डिनर उनके घर द्वार पर पहुंचाएंगे। गोकुल बुटेल ने बताया कि पालमपुर के 6 किलोमीटर के दायरे में वह घर द्वार पर लोगों को यह सुविधा मुहैया करा रहे हैं, जिसमें कि हर रोज लगभग 80 से 85 परिवारों को खाना उनके घर द्वार पर पहुंचाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जो लोग 6 किलोमीटर के दायरे से बाहर रहते हैं वह भी इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं तथा निम्नलिखित नंबरों पर कॉल करके इंफिनिटी रिसोर्ट से लंच और डिनर ले जा सकते हैं। यह सुविधा 7 मई से शुरू की गई थी तथा आगे भी जारी रहेगी। कुछ लोगों से बात करने पर पता की यह सुविधा उन के लिए वरदान सिद्ध हुई है क्योंकि अड़ोस पड़ोस या रिश्तेदार भी इस काल में उनसे दूरी बनाए हुए थे, वही गोकुल बुटेल ने इन सभी परिवारों की देखभाल करके उन्हें खाना घर पहुंचा कर उन्हें बहुत राहत पहुंचाई है ,और जो खाना गोकुल बुटेल द्वारा दिया जा रहा है वह बहुत ही स्वादिष्ट तथा स्वच्छता का पूरा ध्यान रखकर बनाया गया है ।लोगों का कहना है कि यह खाना घर के खाने से भी बेहतर है और उन्हें इस सुविधा से बहुत राहत महसूस हो रही है तथा इस कोरोना काल में आइसोलेशन में रहते हुए उन्हें लंच और डिनर की टेंशन से निजात मिली है और वे खुद की बीमारी पर अधिक ध्यान दे पा रहे हैं और शीघ्र ही वह इस बीमारी से उबर जाएंगे ।सभी लोगों ने गोकुल बुटेल की भूरी भूरी प्रशंसा की है।