राधा कृष्ण मंदिर पुराना बस स्टैंड पालमपुर में विधिवत रूप से कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी से मनाए जाना वाला भीष्म पंचक त्योहार का हुआ शुभारंभ।
PALAMPUR
VIJAY SOOD
आज शुक्ल पक्ष की एकादशी है आज से कार्तिक पूर्णिमा तक 5 दिन चलने बाला भीष्म पंचक त्योहार का विशेष महत्व है। इस व्रत का पहला दिन देवउठनी एकादशी कहलाता है। इस दिन श्री हरी विष्णु अपनी 4 महीने की योग निंद्रा से जागते हैं। दीप प्रज्जवलित कर 5 दिन तक अखंड ज्योति जलती है और विधि विधान से पंडित द्वारा पूजा अर्चना करवाई जाती है। परमात्मा से हमें संपूर्ण ज्ञान मिले इसलिए दीप प्रज्वलन करने की परम्परा है।
समस्त शुभ कार्यों का आरंभ दीप प्रज्वलन से होता है । जिस प्रकार दीप की ज्योति हमेशा ऊपर की और उठी रहती है उसी प्रकार मानव की बृति भी सदा ऊपर ही उठे, यही दीप प्रज्वलन का अर्थ है। इन पांच दिनों में भगवान विष्णु,माता लक्ष्मी और देवी तुलसी की उपासना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। पौराणिक ग्रंथों में भीष्म पंचक का संबंध भीष्म पितामह से बताया गया है कहते हैं जब महाभारत युद्ध के बाद जिस समय भीष्म पितामह सूर्य के उतरायण होने की प्रतीक्षा कर रहे थे उस वक्त भगवान कृष्ण भी पांडबों के साथ उनके समक्ष गए और पितामय से उपदेश देने का आग्रह किया।
कहते हैं उस समय भीष्म पितामह ने श्री कृष्ण समेत पांडवों को पांचों दिनों तक राज धर्म से लेकर मोक्ष तक का उपदेश दिया था। पितामय के उपदेश सुनकर श्री कृष्ण को बहुत प्रसन्नता हुई । कहते हैं तब से ही भीष्म पंचक त्योहार को मनाया जाने लगा। लोकप्रिय परंपरा में विष्णु भगवान द्वारा अगले जन्म में वृंदा से विवाह करने के आशीर्वाद के अनुसार शालिग्राम के रूप में श्री हरि विष्णु ने प्रवोधनी एकादशी पर तुलसी से विवाह किया। इस घटना के अनुसार तुलसी विवाह किया जाता है। इन पांच दिनों में मनुष्य को काम, क्रोध और अन्य इच्छाओं का त्याग करना चाहिए। ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए। क्षमाशील,दयालु और उदार होना चाहिए। सभी साधकों को जो पांचों दिन श्री हरी विष्णु की भक्ति में लीन हो जाते हैं उन सब को हिमाचल रिपोर्टर टुडे की तरफ से हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं।
नारायण भगवान की कृपा सदैव आप और आपके परिवार पर बनी रहे। ॐ नमो नारायण हरि हरि।