*पता ही नहीं चला*
अरे यारों कब 30+, 40+, 50+, 60+ के हो गये
*पता ही नहीं चला*।
कैसे कटा 21 से 31,41, 51 और 61 तक का सफ़र
*पता ही नहीं चला*!
क्या पाया क्या खोया क्यों खोया
*पता ही नहीं चला*
बीता बचपन गई जवानी कब आया बुढ़ापा
*पता ही नहीं चला*
कल बेटे थे आज ससुर हो गये
*पता ही नहीं चला*
कब प्रेमी से पति, पति से पापा और पापा से दादू बन गये
*पता ही नहीं चला*
कोई कहता सठिया गये कोई कहता छा गये
क्या सच है?
*पता ही नहीं चला*
पहले माँ बाप की चली
फिर पत्नी की चली,
अपनी चली की नहीं चली *पता ही नहीं चला*
बच्चे कहते हैं “आप नहीं समझ पाएंगे”
क्या समझूँ क्या न समझूँ न जाने क्यों?
*पता ही नहीं चला*
दिल कहता जवान हूं मैं,
उम्र कहती नादान हूं मैं
इसी चक्रव्यूह में कब घुटनें घिस गये
*पता ही नहीं चला*
झड गये बाल लटक गये गाल लग गया चश्मा
कब बदली यह सूरत
*पता ही नहीं चला*
मैं ही बदला या बदले मेरे यार या समय भी बदला
कितने छूट गये कितने रह गये यार 🙏
*पता ही नहीं चला*
कल तक अठखेलियाँ करते थे यारों के साथ
कब सीनियर सिटिज़न हो गये
*पता ही नहीं चला*
अभी तो जीना सीखा है
ये समझ कब आई
*पता ही नहीं चला*
आदर सम्मान प्रेम और प्यार
वाह वाह करती कब आई ज़िन्दगी
*पता ही नहीं चला*
बहू, जमाईं, नाती, पोते ख़ुशियाँ लाये ख़ुशियाँ आई
कब मुस्कुराई उदास ज़िन्दगी
*पता ही नहीं चला*
जी भर के जी ले प्यारे जितनी बची है खाते में, फिर न कहना
*मुझे पता ही नहीं चला*। 🙏 👌👌
Beautiful true lines