झारखंड में भी 15 अगस्त से होगी पुरानी पेंशन बहाल
झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी घोषणा जन हित में करते हुए कहा कि भारतीय कर्मचारियों को रिटायर मेन्ट के बाद इस व्यवस्था की जरूरत रहती है क्योंकि बहुत साल तक भारत के कर्मचारी अनुबन्ध जैसी प्रथाओं के तहत अपनी सेवाएं देते हैं और उस समय में इन कर्मचारियों की बचत नही हो पाती जिस कारण बुढ़ापे में इनके रहन सहन व अन्य जरूरतों के लिए पैसा नही रहता इसलिए 15 अगस्त से झारखंड के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर दी जाएगी । हिमाचल प्रदेश न्यु मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ ने झारखंड मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया व अन्य राज्यों को भी ऐसी सकारात्मक सोच रखने की सलाह दी । और देश मे सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर आई भाजपा सरकार को सलाह दी कि 14 फीसदी बन्द कर जीपीएफ सिस्टम लागू किया जाए । अगर आर्थिक घाटा दूर करना है तो जीपीएफ प्रणाली एक सही विकल्प है और जन हित का निरादर कर कुछ लोगो को ही फायदा पहुंचाना ही सरकार अपना कर्तव्य समझती है तो फिर एनपीएस कर्मी भी अपने वोट का सही इस्तेमाल कर अपना कर्तव्य निभाएंगे । हिमाचल राज्य न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से एनपीएस कर्मी एनपीएस का विरोध दर्ज करवा रहे हैं उसे देख लगता है कि बदलाब लाजिमी है क्योंकि जब जनता सरकार के फैसलों से सहमत नही है तो ऐसे में बदलाव की स्तिथि आ सकती है ।जब अन्य प्रदेशों में अन्य दलों की सरकारें इस मुद्दे पर सहज हैं तो एक बहुत बड़ा दल जिसके शीर्ष नेता नरेंद्र मोदी जी हैं वे इस मुद्दे पर सहज क्यों नही हो पा रहे । इसका कारण वे अर्थशास्त्री हैं जो गलत आंकड़े पेश कर सरकार को गुमराह कर रहे हैं जबकि वे 14 फीसदी हर महीने एनपीएस कर्मी के खाते में डालने पर जो आर्थिक घाटा हो रहा है उसका सही विश्लेषण नही करते और आए दिन गलत जानकारी उपलब्ध करवा कर सरकार को गुमराह किया जा रहा है ।जबकि कहीं न कहीं अर्थशात्री भी लोगों के जायज अधिकारों को खत्म करवाने का कार्य कर रहे हैं और यह सत्य है कि पुरानी पेंशन भी लेते हैं ।ऐसे अर्थशात्री किस काम के जो देश अर्थव्यवस्था को ठीक करने के बजाए जनता के अधिकारों को खत्म करवाने में अपना पूरा पूरा सहयोग कर रहे हैं