मचा तहलका! भाजपा के हर्ष महाजन की बढ़ीं दिक्कतें, राज्यसभा की कुर्सी पर भी मंडराया खतरा, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट मनु संघवी ने दायर की उच्च न्यायालय में याचिका, लॉटरी ड्रॉ नियम को ठहराया असंवेधानिक
भाजपा की चिन्ता और बढ़ी, सभी दांव पड़ रहे उल्टे
हिमाचल प्रदेश राज्य में, कांग्रेस के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में राज्यसभा चुनाव के लिए याचिका दाखिल की। उन्होंने इसमें चुनाव में बराबर मतों की स्थिति में लॉटरी ड्रॉ के नियम को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर दो उम्मीदवारों को बराबर मत मिलता है, तो लॉटरी ड्रॉ का नियम गलत है और ग़ैरकानूनी है।
Best School in PALAMPUR
CAMBRIDGE INTERNATIONAL SCHOOL
सिंघवी ने यह दावा किया कि नियम के पीछे की सिद्धांत को चुनौती दी जानी चाहिए। उन्होंने इसकी महत्वाकांक्षा की कि चुनाव में बराबर मत होने के बाद, विजेता को लॉटरी के आधार पर घोषित किया जाना चाहिए। हालांकि, वर्तमान में, हारने वाला लॉटरी के आधार पर घोषित किया जाता है। उन्होंने यह दावा किया कि यह लॉटरी ड्रॉ का सिद्धांत पूर्णतया कानूनी रूप से गलत है।
सिंघवी ने आगे कहा कि जिसका नाम बैलेट पर ड्रॉ किया जाता है, उसे विजेता घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नियम के पीछे की अवधारणा गलत है, क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान कानून में नहीं है। उन्होंने इस धारणा को चुनौती दी। अगर यह धारणा गलत है, तो उस पर आधारित चुनाव भी दोषपूर्ण हैं।
सिंघवी ने दबाव डाला कि चुनाव समाप्त हो गए हैं, और कोई राजनीतिक प्रभाव नहीं होना चाहिए। यह एक कानूनी प्रक्रिया है, और उन्होंने कानूनी आधार पर चुनाव की चुनौती दी है।
राज्य में हाल के राज्यसभा चुनाव में, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा के हर्ष महाजन ने प्रत्येक को 34-34 मत प्राप्त किए थे। हालांकि कांग्रेस के पास 40 विधायकों का आंकड़ा था लेकिन 6 कांग्रेस के गद्दार बागी विधायकों के अचानक धोखा देकर, मतदाताओं की भावना से खिलवाड़ करते हुए रातोंरात पासा पलट कर भाजपा द्वारा कथित रूप से खरीद लिए जाने और 3 इंडिपेंडेंट विधायकों के साथ न देने के कारण एक टॉस के बाद, महाजन ने एक लॉटरी ड्रॉ के सहारे चुनाव जीत लिया था जिस पर अब खतरा मंडराने लगा है।
एडवोकेट मनु संघवी माननीय सुप्रीम कोर्ट के एक अनुभवी, वरिष्ठ, सम्माननीय एवं लीडिंग एडवोकेट हैं, दूसरे उनके साथ कथित धोखा भी हुआ है। इसलिए भाजपा की चिन्ताएं बढ़ना लाज़मी हैं।