नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने विपक्ष के साथ-साथ राहुल गांधी पर भी निशाना साधा हैं। उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि एक तरफ हमारा देश, हमारे युवा भारत के लिए नई सिद्धियां हासिल कर रहे हैं। गोल के बाद गोल कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो राजनीतिक स्वार्थ के चलते एक तरह से सेल्फ गोल कर रहे हैं।
पीएम ने कहा कि देश क्या चाहता है, देश क्या हासिल कर रहा है, देश कैसे बदल रहा है इससे इनको कोई सरोकार नहीं। ये लोग देश का समय और देश की भावना दोनों को आहत कर रहे हैं। भारत की संसद का ये लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से निरंतर अपमान कर रहे हैं।
पीएम ने कहा कि जब देश नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा था, तो कुछ लोग संसद को रोकने में लगे हैं। कुछ ही सप्ताह में हमने जो कीर्तिमान देखे, उसमें भारतीयों का सामर्थ्य और सफलता, चारों ओर नजर आती है। ओलंपिक में अभूतपूर्व प्रदर्शन को पूरा देश उत्साहपूर्वक देख रहा है।
जो लोग सिर्फ अपने पद के लिए परेशान हैं, वो अब भारत को रोक नहीं सकते। नया भारत, पद नहीं पदक जीतकर दुनिया में छा रहा है। नए भारत में आगे बढ़ने का मार्ग परिवार नहीं, बल्कि परिश्रम से तय होगा। इसलिए, आज भारत का युवा कह रहा है- भारत चल पड़ा है, भारत का युवा चल पड़ा है।
इस मुश्किल समय में एक भी गरीब ऐसा न हो, जिसके घर में राशन न हो, ये सुनिश्चित करना जरूरी है। 100 साल का ये संकट सिर्फ महामारी का ही नहीं है, बल्कि इसने कई मोर्चों पर देश और दुनिया की अरबों की आबादी को अपनी चपेट में लिया है। पीएम ने कहा कि अतीत में हमने अनुभव किया है कि जब देश पर पहले इस तरह का बड़ा संकट आता था तो देश की तमाम व्यवस्थाएं बुरी तरह से हिल जाती थीं। लेकिन आज भारत, भारत का प्रत्येक नागरिक पूरी ताकत से इस महामारी का मुकाबला कर रहा है।
इस कोरोना कालखंड में भी भारतीयों का उद्यम नए प्रतिमान गढ़ रहा है। जुलाई में जीएसटी का कलेक्शन हो या हमारा निर्यात हो, ये नई ऊंचाई छू रहे हैं। जुलाई में 1 लाख 16 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन होना बताता है कि अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है। पीएम ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसी एक महीनें में भारत का निर्यात 2.5 लाख करोड़ से भी ज्यादा हो गया। कृषि निर्यात में हम दशकों बाद हम दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल हुए हैं। देश का पहला मेड इन इंडिया विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ समंदर में अपना ट्रायल शुरू कर चुका है।
पांच अगस्त का दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। राम मंदिर के निर्माण की यह प्रक्रिया राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है। जिन लोगों की तपस्या राम मंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, उन सभी को 130 करोड़ देशवासियों की ओर से नमन। सियावर रामचन्द्र की जय!