Honour : पालमपुर की प्रख्यात कवयित्री श्रीमती कमलेश सूद व शिमला से उनकी पुत्री पूजा सूद डोगर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हिस्सा बनने जा रहीं हैं
विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष में बाजपुर, उतराखण्ड से संचालित अंतराष्ट्रीय साहित्यिक संस्था “बुलंदी” द्वारा तीसरे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रही है। इस वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हिस्सा बनने जा रहीं हैं हिमाचल प्रदेश की दो पीढ़ियाँ – पालमपुर की कमलेश सूद एवं शिमला की पूजा सूद डोगर को “बुलंदी साहित्यिक सेवा पंजीकृत” द्वारा विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है।
पूर्व 2021 में 207 घंटे एवं 2022 में 400 घंटे के कवि सम्मेलन का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है। अब 10 जनवरी 2024 से 16 जनवरी 2024 तक सात दिन अनवरत एक हज़ार घंटे का विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
” वैश्विक यात्रा बुलंदी पर “हिंदी के इस कवि सम्मेलन को “हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन” द्वारा विश्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। “बुलंदी संस्था” का यह तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड साहित्य जगत की सुर्खियाँ बटोर रहा है।
इस कार्यक्रम में पालमपुर संबंधित चोटी की कवयित्री श्रीमती कमलेश सूद व उनकी पुत्री शिमला निवासी श्रीमती पूजा सूद डोगर को काव्य पाठ हेतु सादर आमंत्रित किया है जोकि हिमाचल प्रदेश के लिए और ख़ास कर पालमपुर और शिमला के लिए बहुत गर्व की बात है।
श्रीमती कमलेश सूद को काव्य पाठ हेतु निमंत्रण संस्था के संस्थापक अंतरराष्ट्रीय कवि बादल बाजपुरी एवं संरक्षक अंतरराष्ट्रीय कवि पंकज प्रकाश द्वारा आमंत्रित किया गया है स बुलंदी संस्था ने वर्ष 2021 और 2022 में 207 घंटे और 400 घंटे अनवरत वर्चुअल कवि सम्मेलन आयोजित करवाकर दो बार विश्व वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी है जिससे इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया, बुलंदी संस्था उत्तराखंड के बाजपुर से संचालित होती हैं, जिसका उद्देश्य नवोदित कलाकारों को मंच प्रदान करना है और इसके लिए संस्था निस्वार्थ भाव से कार्य कर रही हैं। बहुत ही कम समय में बड़े – बड़े आयोजन आयोजित करवा कर बुलंदी संस्था ने अपने नाम को सार्थक कर दिया है।
संस्था का यह तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड साहित्य जगत की सुर्खियों में बना हुआ है।
श्रीमती कमलेश सूद जी प्रथम बार इस रिकार्ड का हिस्सा बनने जा रही हैं । इसके पहले भी इन्हें कई सम्मान प्राप्त हो चुकें हैं। इनकी अनगिनत रचनाएं पुस्तकों में छप चुकी है ।