राजनीति तेरे खेल निराले
Written by…
Smt. Suresh Lata Awasthi, PALAMPUR (CHOWKI KHALET) Mobile : 8278739443
सुनो देश के नेताओ,
पांच वर्ष के तानाशाहो,
पिछले जन्म के कर्म तुम्हारे,
माल मुफ्त का खाते सारे।
केवल दो दिन पदवी ले कर,
सारी उम्र पेंशन पाते हो,
जो जीवन भर सेवा करते,
उन पर टैक्स लगाते हो।
आना-जाना मुफ्त तुम्हारा
मुफ्त तुम्हारा पीना-खाना
कुछ तो सोचो हम लोगों की
जिनको पड़ता है टैक्स चुकाना।
जनता को तुम मुफ्त खिलाते,
मुफ्त खिला कर वोट हैँ पाते,
फिर से मुफ्त का लालच देते,
जीत का फिर परचम लहराते।
मुफ्तखोरी है इक अभिशाप,
शह दे रहे कामचोरों को आप,
साथ में देश की हालत कमजोर,
कर लो इस पर भी कुछ गौर।
चाहते क्या हो तुम बतलाओ,
मंशा क्या है जरा समझाओ,
अपने देश का कुछ तो सोचो,
शिक्षा, स्वास्थ्य मुफ्त में बांटो।
आरक्षण को जड़ से मिटाकर,
योग्यता का करो सम्मान,
निस्वार्थ करो देश की सेवा,
तब ही बनेगा देश महान।।
जय भारत!@