“आजकल की राजनीति देख कर मन मेरा घबराता है” Dr. Poonam Sharma की प्रासंगिक रचना

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Written by :

Dr. Poonam Sharma, PALAMPUR

आजकल की राजनीति देख कर
मन मेरा घबराता है,
लोकतंत्र की धज्जियां उड़ती देख,
विश्वास डगमगाता है।

राजनेताओं के भाषणों में
दिखती सत्ता की लो लुप्त,
देश हित और जनहित की बातें छोड़,
एक-दूसरे को नीचा दिखाने की इनमें लगी होड़.

ना चिंता गरीब की रोटी, कपड़ा, मकान की,
इनको तो बस चिंता है अपनी सत्ता और सम्मान की.
मुफ्त में राशन बांट रहे हैं,
अपने दरिया दिल की हांक रहे हैं,            नहीं जानते इनकी दिखावटी दरियादिली ने,
जनता के हाथ काट दिए,
अमीरों को खुश कर दिया और
गरीब का घर बिन मेहनत के भर दिया।

मध्यम वर्गीय समाज को हर पार्टी ने
हाशिए पर रख दिया,
पैसे वालों के लापरवाह बच्चे
डॉक्टर, इंजीनियर बन रहे और
निम्न मध्य वर्गीय बच्चा
तनाव में ही मर गया।

निज पैसे के बारे में सारे दल है एक समान,
अपनी जेब भरी पड़ी है और दूसरों को बांटे ज्ञान।
5 साल बाद हार भी गए
तो भाई पेन्शन तो घर आएगी,
ना वर्तमान का डर है इनको
ना भविष्य की चिंता सताएगी।

एक तरफ है वीर सिपाही, हिमालय
पर है घूम रहा,
देश की रक्षा में जीवन काटा,
रिटायरमेंट पर काम ढूंढ रहा।

शर्म नहीं आती है इन
हवा में बातें करने वालों को,
सत्ता की भूख के कारण खेलते
दूसरों के जज्बातों से।

जनता अब तुम ही जागो गर
लोकतंत्र बचाना है,
सही दल नहीं, सही नेता का चुनाव करो,
अगर देश आगे बढ़ाना है।

अगर तुम खुशहाली चाहते हो तो
ना बिकना बोतल,कंबल और साड़ी में।

2 Comments
  1. Anu sharma says

    Excellent poem and shows reality of today’s India.

  2. Neeraj sharma says

    This is the reality of today’s politics. Very true and real poem

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