मुश्किलों में है लोकतंत्र, पेंशन मत दीजिये पर एक समानता का अधिकार जरूर दीजिये : PRAVEEN SHARMA
देश में लोकतंत्र है । जो अधिकार है सिर्फ मेरे नही आपके भी हैं , कर्तव्य मेरे है पर आपके भी हैं । तरक्की मेरी नही आपकी भी है । भारत देश सिर्फ मेरा नही आपका भी है । सभी का योगदान भारत देश मांगता है ।
स्वयं सेवी संघ सदस्य व पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा राज्य अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने एक प्रश्न हर उस दुखी व्यक्ति से पूछा है जिनके अधिकार छीन लिए गए हैं । अधिकार व कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू है मेरा अधिकार दूसरों का कर्तव्य है और मेरा भी कर्तव्य है कि मैं दूसरों के अधिकार की रक्षा करूँ । अगर समाज के बुद्धिजीवी हमारी इस बात पर अमल करें तो हमारा भारत देश प्रथम श्रेणी में आ सकता है।हमारा देश हर धर्म की सुरक्षा करता है ।
हमारा देश हर व्यक्ति को समान समझता है परन्तु विडंवना है कि आज भी हमारा देश अल्पविकसित है ।
पहले मुगलों ने सब कुछ लूट लिया फिर फिरंगियों ने इस देश को लूटा जब देश में कुछ नही बचा तो हमारे गरीब लोगों का खून भी बोतलों में भर कर ले गए । हमारी बहनों को नही छोड़ा । परन्तु लोकतंत्र में आज भी हमारी बहने सुरक्षित नही हैं क्योंकि कहने को लोकतंत्र है पर आज भी आम व्यक्ति की सुध नही ली जाती ।
देश में सुप्रीम कोर्ट हैं । हाईकोर्ट हैं, पर गरीब व पीड़ित व्यक्ति को लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी न्याय नही मिलता ।
लोकतंत्र के तहत आज भी हमारे पीड़ित लोगों के केस चल रहे है पर न्यायाधीशों को कदाचित अमल नही कि केस दर्ज करवाने वाले मर चुके हैं ।
यह कैसा लोकतंत्र है जहां संविधान बनाने वाले को पूजा जाता है पर उनके द्वारा लोकतन्त्र के तहत बनाये गए कानूनों को खत्म कर जनप्रतिनिधि अरवों की सम्पति के मालिक बन चुके हैं ।
हमें पेंशन मत दीजिये पर एक समानता का अधिकार जरूर दीजिये ताकि हर व्यक्ति को अहसास हो कि वह भारतीय संविधान के तहत भारत का निवासी है ।