न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ हिमाचल प्रदेश के राज्य अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने जारी बयान में कहा कि हम पुरानी पेंशन के लिए हर एनपीएस कर्मी के साथ हैं । और एक रणनीति के तहत प्रयत्नंशील हैं। कर्मचारियों की पेंशन छीनने वाला कोई अकेला व्यक्ति नही है बल्कि सभी राजनीतिक दलों ने इसे ध्वनि मत से छीना है । प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि विशेष व्यक्ति पर पेंशन मुद्दे के लिए अभद्र टिपणियां करना उचित नही है । कहा कि पेंशन छीनी गई है परन्तु इसके लिए केवल हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोषी नही हैं जबकि इसके लिए लोकसभा और उस हर राज्य की राजसभा जहां जन विरोधी नीति जिसे एनपीएस के नाम से जाना जाता है थोपी गई ,सभी दोषी हैं । किसी भी विशेष व्यक्ति को तरह तरह के जुमले देना जैसा कि मुख्यमंत्री अपने सुसराल से पूछे कि पेंशन कैसे बहाल करनी है यह एक आपत्तिजनक टिप्पणी है जिसका न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ हिमाचल प्रदेश आलोचना करता है । मुख्यमंत्री चाहे किसी भी पार्टी का हो ,तथाकथित टिप्पणी करना अशोभनीय है । इस प्रकार से पेंशन कभी भी बहाल नही हो सकती । परन्तु जिस प्रकार से सरकार रिटायर एनपीएस कर्मियों के लिए सम्मानजनक पेंशन देने पर सहज हुई है वह भी ठंडे बस्ते में चली जाएगी । साथ कहा कि हम कर्मचारी हैं और अपने अधिकार के लिए बार बार सरकार के पास आते हैं । हमें किसी प्रकार का इलेक्शन लड़ने की जरूरत नही है । इसलिए कर्मचारियों पर भी जनप्रतिनिधि इस प्रकार के तंज न कसे कि कर्मचारी और सरकार के बीच दूरियां बढ़ जाएं । हम किसी विशेष व्यक्ति को तंज कसने के भी खिलाफ हैं और छीने गए अधिकार के लिए हर उस जनप्रतिनिधि को दोषी मानते हैं जो उस समय संसद या विधानसभाओं में मौजूद थे । हमें सिर्फ अपना जायज हक वापिस चाहिए जिसके लिए हम कर्मिक अनशन पर बैठने जा रहे हैं ।
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