विधायक व सांसद तब तक इलेक्शन लड़ेंगे जब तक वे जिंदा रहेंगे परन्तु अग्निवीरों को चार साल देश की सरहदों पर भेज कर घर पर बिठा देंगे
बहुत बड़ी बिडम्बना है इस देश की कि सांसद और विधायक तो अपने लिए हर सुख सुविधा लेते चाहे रिटायर ही क्यों न हो । विडम्बना देखिए देश की सरहदों की रक्षा करने वालों को तो चार साल में रिटायर कर देंगे । परन्तु विधायक व सांसद तब तक इलेक्शन लड़ेंगे जब तक वे जिंदा रहेंगे परन्तु अग्निवीरों को चार साल देश की सरहदों पर भेज कर घर पर बिठा देंगे । परन्तु एक सांसद की सैलरी 1,40000 और साल भत्ता 3,80000 मिलता रहेगा । रेल सफर वह भी ए सी क्लास में बिल्कुल फ्री है । सुनकर हैरानी होगी कि एक सांसद साल भर में 34 हवाई यात्राएं कर सकता है और यह सुविधा रिश्तेदारों को भी मिलती है ।बिजली भत्ता 2 लाख 91 हजार 833 रुपये सालाना मिलते है । पानी की मुफ्त सेवा । सड़क की बात करें तो एक किलोमीटर के 34 रुपये मिलते हैं । रिटायर मेन्ट के बाद पेंशन की सुविधा अलग से मिलती है और यह पेंशन हर साल बढ़ती रहती है । जितनी बार विधायक सांसद बनेंगे उतनी बार पेंशन डबल होती रहेगी अगर दस बार जीते तो पेंशन उसी अनुपात में बढ़ती रहेगी । इस देश के लोगों ने सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ दी परन्तु नेता ने अपनी पेंशन सुविधा नही छोड़ी । बीमा सुरक्षा फ्री मिलती है । सरकारी बंगला सभी सुविधाओं के साथ फ्री । परन्तु कर्मचारी जो 60 साल की उम्र में रिटायर होते हैं उन्हें कोई सुरक्षा नही । पंजाब सरकार ने घोषणा की कि कोई विधायक या सांसद जितनी बार जीते पेंशन एक ही मिलेगी । सचिन तन्डेलकर सांसद रहे पेंशन लेने से मना कर ऐसे बहुत से लीडर हुए जिन्होंने पेंशन सुविधा नही ली है । देश की आम जनता अपनी आंखें खोले क्योंकि इस प्रकार जरूरत से ज्यादा सुविधाएं लेने से देश की आम जनता कंगाल हो जाएगी और कुछ इस देश को फिर से अपना गुलाम बना लेंगे । हम किसी विशेष सरकार के खिलाफ नही हैं बल्कि हर नेता के खिलाफ है जो अथाह धन संपदा के मालिक होते हुए भी फ्री की सुविधाएं छोड़ना नही चाहते।
लेखक -प्रवीण शर्मा
राज्य अध्यक्ष न्यू मुवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ हिमाचल प्रदेश