टीजीटी शिक्षकों को 2008 से नोशनल लाभ दिए जाएं : प्रवीण शर्मा

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हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ राज्य प्रवक्ता प्रवीण शर्मा ने जारी बयान में कहा कि टीजीटी शिक्षकों को 2008 से नोशनल लाभ दिए जाएं क्योंकि 2008 का टीजीटी लगभग पौने सात साल बाद नियमित हुआ है जबकि अब दो साल बाद ही नियमित करने का प्रावधान कर दिया गया है लगभग 2000 टीजीटी 14 सालों से उनके साथ हो रहे अन्याय के लिए मुखर हैं ।जबकि 2008 की भर्तियां नियमित होनी थी क्योंकि उस समय पुराने आर एन्ड पी रुलज प्रचलित थे ।
मामला यह है कि चयन आयोग द्वारा भर्तियां 2007 तक नियमित होती थी परन्तु 2008 में इन्ही भर्तियों को अनुबन्ध पर रख दिया गया । पहला बैच नबम्बर 2008 में अनुबन्ध पर रखा गया जबकि उस समय ऐसे कोई आर एन्ड पी रुलज प्रदेश में नही थे । फिर भी नियुक्ति प्राप्त शिक्षक सरकार की वितीय स्तिथि को देखकर उस समय अनुबंध आधार पर हिमाचल के दूर दराज इलाकों में चले गए थे और यही सोचा था कि वितीय स्तिथि ठीक होते ही पौने सात साल का अनुबन्ध काटने वालों को भी कुछ लाभ दिया जाएगा परन्तु बिडम्बना यह है कि अनुबन्ध समय तो दो साल कर दिया परन्तु 2008 के अनुबंधित शिक्षकों को कोई भी लाभ नही दिया गया जो कि घोर अन्याय है । संघ राज्य प्रवक्ता ने कहा कि भेदभाव हुआ है क्योंकि एक ही पॉलिसी होने के बाबजूद किसी को सात साल तक प्रताड़ना पहुंचाई गई और अब वही अनुबन्ध समय दो साल कर दिया परन्तु जो 2008 से अनुबन्ध समय को कम करने की मांग करते रहे उन्हें नोशनल बेनिफिट भी नही दिए गए जो कि अत्याचार के अलावा कुछ नही है ।यह एक ऐसा सौतेला पन है जिसे 2008 के शिक्षक कभी भी भुला नही पाएंगे । कोर्ट के आदेश भी नही माने गए तो बताया जाए अब 2000 के लगभग पीड़ित लोग कहां जाए किससे फरियाद करें । सरकार से आग्रह है कि सात ,पांच ,तीन और दो के भेदभाव को खत्म कर सभी को नोशनल बेनिफिट दिए जाएं क्योंकि अनुबन्ध समय घटने पर नए लोगों को तो लाभ मिला है परन्तु 2008 के शिक्षक नोशनल व वरीयता जैसे लाभो से भी बंचित हैं

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