आशीष बुटेल की अनुशंसा ओर आनंद शर्मा जी के पत्र पर पूर्व विधायक प्रवीन कुमार बोले भाजपा नेता पार्टी की दीवारों से कहीं ऊपर उठकर लोकतन्त्र के मन्दिर में लगी मूर्तियों का भी ख्याल रखते हैं:-.
……. यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की प्रतिमा के लिए धनराशि जारी करने का पत्र तो तत्कालीन सांसद आनंद शर्मा ने जारी कर दिया परंतु धनराशि जारी नहीं की गई ।
पूर्व विधायक ने कहा कि पालमपुर के तत्कालीन विधायक एवं वर्तमान में मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने भी पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा प्रतिमा के लिए अपनी जेब से धनराशि जारी करने की घोषणा के पश्चात अपनी गरिमा बचाने के लिए आनंद शर्मा को पत्र लिखा तथा आनंद शर्मा द्वारा इसके प्रति उत्तर में धनराशि जारी करने की बात भी कहीं। परंतु यह पत्र महज़ एक ड्रामा ही बनकर रह गया।
पूर्व विधायक ने उपरोक्त घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि किस तरह ट्रैफिक जाम में फंसे दिग्गज भाजपा नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री श्री शान्ता कुमार जी की नज़र सामने नेहरू जी की जीर्ण शीर्ण अवस्था में लगी प्रतिमा पर पड़ी तो श्री शान्ता कुमार जी से रहा नहीं गया उन्होंने घर पहुंचते ही इस प्रतिमा की दुर्दशा को गंभीरता से लिया । नतीजतन श्री शान्ता कुमार जी ने तत्काल कार्यवाही अमल में लाते हुए अपने खाते से एक लाख रुपए का चैक काट कर साथ में उप मण्डल अधिकारी नागरिक पालमपुर को पत्र लिखकर भेजा कि पण्डित जवाहरलाल नेहरु जी हमारे देश के पहले प्रधानमन्त्री रहे हैं ऐसे में प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर इनकी इस प्रतिमा की मुरम्मत करवाये अगर यह राशि कम पड जाये तो वह ओर धनराशि मुहैया करवायेगें ।
पूर्व विधायक ने कहा श्री शान्ता कुमार जी की इस तरह की त्वरित कार्यवाही से लगता है कि कांग्रेस के मित्रों को शर्म आई ओर इस तरह पालमपुर के विधायक श्री आशीष बुटेल जी ने भी तत्कालीन राज्यसभा सांसद श्री आनंद शर्मा का पत्र सार्वजनिक करते हुए ढिढोंरा पीटा कि उन्होंने ने भी इस प्रतिमा के जीर्णोद्धार के लिए 10 लाख की राशि स्वीकृत की है। अव पूर्व विधायक ने बुटेल परिवार को घेरते हुए कहा है कि इन्हें तो आज दिन तक इस प्रतिमा की दुर्गति का ख्याल नहीं आया लेकिन शर्म से बचने के लिए श्री आशीष बुटेल जी ने जो आनंद शर्मा जी के पत्र का सहारा लिया क्या यह उनकी हल्की हरकत नहीं थी ?
पूर्व विधायक ने मांग की है अगर वास्तव में ही श्री आनंद शर्मा जी ने इस प्रतिमा की मुरम्मत के लिए राशि जारी की है तो उसका भी उपायुक्त, नगर निगम आयुक्त , खण्ड विकास अधिकारी या लोक निर्माण विभाग इनमें से जिस भी एजेंसी के भी माध्यम से यह धन राशि उपलब्ध हुई है, उसका स्वीकृति पत्र भी सार्वजनिक किया जाए ।
पूर्व विधायक ने बुटेल परिवार को आडे हाथों लेते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता पार्टी की दीवारों से कहीं ऊपर उठकर लोकतन्त्र के मन्दिर में लगी इस तरह की मूर्तियों व चित्रों की पद व प्रतिष्ठा का भी खयाल रखते हैं।