क्या इसे कहते हैं शहीदों के सपनों का भारत, दो शहीदों के बेटों का पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार से प्रश्न
दो शहीदों के बेटों का पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार से प्रश्न क्या इसे कहते हैं शहीदों के सपनों का भारत :-
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अक्सर पालमपुर विधानसभा क्षेत्र में जब भी कोई कार्यक्रम होता है तो हर कोई मंच पर सर्वप्रथम पालमपुर को वीरभूमि के नाम से संबोधित करते हुए शहीदों को नमन करता है। लेकिन विषय बेहद खेद का है कि भारत वर्ष को मिली आजादी के ठीक ढाई महीने बाद पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत डाढ गाँव के महान सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा शहीद हो गए जिन्हें उनकी बहादुरी पर भारतीय सेना ने मरणोपरांत परमवीर चक्र से नवाजा ।
मातृ भूमि की रक्षा करते करते उनके द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को हमेशा हमेशा के लिए जिन्दा रखने हेतु आज दिन तक उनके गांव में उनकी यादगार में किसी प्रकार की कोई स्मृति तक नहीं है।
अब इसी तरह की आवाज अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रांम पंचायत हन्गलो के निवासी सूबेदार मेजर अमर सिंह व ग्रांम पंचायत लाहला के निवासी इंजीनियर जगदीश चंद चौहान ने पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार के समक्ष उठाते हुए सूबेदार मेजर अमर सिंह का कहना है कि जब वह एक महीने के थे तो उनके पिता परस राम जी ( 4 डोगरा ) भारत- चीन युद्ध में 17 नवम्बर 1962 को अरूणाचल बॉर्डर पर अदम्य साहस का परिचय देते हुए शहीद हो गये जिन्होंने देश की ख़ातिर अपने प्राणों को न्योछाबर कर दिया ।
इसी तरह इंजीनियर जगदीश चन्द चौहान का कहना है कि जब वह दूसरी में पढ़ते थे तो उनके पिता रोशनलाल (15 डोगरा ) इंडो – पाक युद्ध में छम्ब जोड़ियां सेक्टर में 10 दिसंबर 1971 को पांच पाकिस्तान सैनिकों को मार गिरा कर शहीद हो गये । इन दोनों परिवारों ने पूर्व विधायक के साथ मलाल करते हुए कहा कि वे लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उनके परम पूजनीय पिता जी की यादगार में उनकी पंचायतों में स्मारक का निर्माण करके शहीदों की प्रतिमाएँ लगाई जाएं इसमें जो भी सहयोग होगा हम दोनों परिवार करने को तैयार है । जिससे कि यहां की भावी पीढ़ी को भी यह पता चल सके कि हमारे गांव के इन रणबांकुरों ने देश की खातिर कितनी बड़ी शहादत , बलिदान व कुर्बानी दी है ।
इसी तरह जन सम्पर्क अभियान के दौरान लटवाला गाँव के निवासी चौधरी चुनी लाल ने बताया कि 1971 में ही उन्ही के गाँव के निवासी श्री पुन्नू राम जी (15 डोगरा ) भी शहीद हुए हैं । ऎसे में ग्रांम पंचायत बगोडा में भी उनके नाम का स्मारक व वहां उनकी प्रतिमा लगनी चाहिए ।
पूर्व विधायक ने इन तीनों परिवारों को आश्वासन देते हुए कहा कि वे इनकी इस फरियाद को बड़ी गंभीरता के साथ सरकार के समक्ष रखेंगे ।
साथ ही इन शहीद परिवारों की भावनाओं को अपनी संस्था “इन्साफ” के माध्यम से भारतीय सेना के सर्वोच्च सेनापति महामहिम राष्ट्रपति जी के दरबार तक भी ले जाने का प्रयास करेंगे ।
- फोटो:- जन सम्पर्क अभियान के दौरान पूर्व विधायक के दायें शहीद रोशन लाल के सुपुत्र जगदीश चन्द चौहान व बहु वायें शहीद परस राम के सुपुत्र सुवे मेजर अमर सिंह साथ में लटवाला गाँव के चौधरी चुनी लाल व इन्साफ के सचिव धीरज ठाकुर ।