जिंदगी संवर ही जाये जब मेहनत करके जीने की कला आ जाये

PRAYAS FOUNDATION ने बढ़ाये मदद के हाथ

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जिंदगी संवर ही जाये जब मेहनत करके जीने की कला आ जाये

MUNISH KOUNDAL

CHIEF EDITOR

यह सोनिया है जोकि मथुरा के भुंतर में रह रहे प्रवासी परिवार की तीन बेटियों और एक बेटे में से एक है।
परिवार भुन्तर में किराये के मकान में रहता है और पिता लकड़ी के डंडे में खाने का सामान गांव-गांव जा कर बेचता है और परिवार का पोषण करता है।
सोनिया सातवी में पढ़ती है और परिवार के साथ रद्दी अखबार के लिफाफे बनाकर बेचती है। लिफाफे बेचकर खुद दोबारा पुराने अखबार लोगों से खरीद कर सिर पर उठाकर लिफाफे बनाने को घर ले जाती है।

प्रयास फॉउंडेशन भुंतर के सह संचालक जीवन जी की दुकान पर यह लिफाफे बेचने आयी तो इसकी मेहनत ओर पिता की कमाई में हाथ बटाने के जज्बे की देखते हुए उसे पढ़ाई के लिए स्कूल बैग, कापियां, जिओमेट्री बोक्स ओर पढ़ाई की अन्य सामग्री देकर सम्मानित किया।
“मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनो में जान होती है,
पंख लगाने से कुछ नहीं होता होंसलों से उड़ान होती है,”

 

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