बड़े भाग्य से मिलते हैं मोदी जैसे प्रधानमंत्री देश को….

Modi is THE MOST VALUABLE asset of INDIA

0

बड़े भाग्य से मिलते हैं मोदी जैसे प्रधानमंत्री देश को….

INDIA REPORTER NEWS
NARENDER SINGH PATHANIA

कौन सही है और कौन गलत ? इस बात का आकलन वास्तव में बहुत मुश्किल है लेकिन इस किसान आंदोलन की शुरुआत कहाँ से और क्यों हुई  ? इस बात को जरूर जाना जा सकता है । 

कांग्रेस पार्टी का इतिहास है कि उन्होंने कभी किसी और पार्टी का शासन कभी बर्दाश्त नही किया है । 1977 में जब कांग्रेस के कुशासन से जनता तंग आ गयी तो जनता ने मोररजी देसाई के नेतृत्व वाली पार्टी को मौका दिया। लेकिन कांग्रेस के संजय गांधी ने उनकी सरकार गिराने में कोई कसर नही छोड़ी और गिराकर दम लिया। इसके बाद भाजपा के अटलबिहारी बाजपेई की सरकार पहले इलेक्शन में गिरवा दी और बिना सोचे देश को एक ही साल में दो इलेक्शन झेलने को मजबूर किया सिर्फ निजी स्वार्थ और सत्ता लोलुपता के कारण।
एक बार फिर कांग्रेस के कुशासन से त्रस्त जनता ने भाजपा/मोदी सरकार को देश की बागडोर सौपी है। तो कांग्रेस फिर अपनी नियत का परिचय दे रही है। क्या जनता पागल है कि किसी पार्टी/मोदी जी को 2/3 मेजोरिटी से जितवाती है और ऐसा एक बार नही दो बार हुआ।
आज विभिन्न घटनाओं के कारण हम भारतीय गर्व से अपनी आइडेंटिटी महसूस कर रहे है । पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक, चीन का घमंड चूर करना और विश्व मे अंतराष्ट्रीय पटल पर देश का नाम सिरमौर होना।
आज एक ऐसे व्यक्ति प्रधानमंत्री है जिन्होंने देशवासियों की सोच में परिवर्तन लाने की कोशिश की। स्वच्छ्ता का संदेश दिया, प्रेरणा देने के लिए स्वयं झाड़ू लगाई। देश को कॅरोना के समय देशवासियों से निश्चित समयान्तराल पर बात की । लोगो को जागरूक किया , प्रार्थना की कि घर से बाहर न निकले। सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करे। क्या अब से पहले कोई प्रधानमंत्री ने देशवासियों के साथ इस तरह संवाद स्थापित किया ?
सबसे महत्त्वपूर्ण बात कि इन प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरणा दी। जिस समय विरोधी पार्टियाँ कॅरोना वैक्सीन की बुराई कर रही थी उस समय स्वयं प्रधानमंत्री फार्मास्यूटिकल कम्पनीज में जाकर उनका मनोबल बढ़ा रहे थे। और आज हम जानते है हमारे प्रधानमंत्री चाहते तो इस समय कोरोना वैक्सीन को बेचकर मुनाफा कमा सकते थे परंतु आज उनके द्वारा हमारे सभी पड़ोसी देशों को यह मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही है और पूरे विश्व मे आज भारत की जय-जयकार हो रही है। क्या आपने कभी आज से पहले ये गर्व महसूस किया ? शायद कभी नही ।
पूरे देश मे कॅरोना वैक्सीन सफलतापूर्वक लगाई जा रही है और स्वास्थ्य कर्मियों को पहले और उचित प्राथमिकता दी जा रही है और बाकी सब भी खुश है कही कोई विरोध नही कि उन्हें पहले क्यो ? ये सब माहौल हमारे प्रधानमंत्री की देन है उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों का महत्व समझा। क्या आज से पहले ऐसा हुआ ? नही ना । आज से पहले सिर्फ आरक्षण की राजनीति हुई, मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति हुई।
मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूँ कि जब ये किसान सुधार कांग्रेस के घोषणा पत्र में थे तो ये राजनीति क्यो हो रही है ?
सिर्फ एक व्यक्ति अच्छा काम करने की कोशिश कर रहा है इसलिए। सिर्फ सत्ता लोलुपता के लिए , सिर्फ विरोध करने के लिए ।
मैंने सिर्फ उन्हीं बातों का जिक्र किया है जो दिखाई देती है और जो दिख रहा है वो ये है कि एक प्रधानमंत्री देश के लिए और देश को विश्वगुरु बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
अगर कृषि कानून किसानों के लिए ठीक नही है तो इस बात का पता तो लागू होने के बाद ही चलेगा। उससे पहले न हम उन्हें ठीक कह सकते और न बुरा।
क्यो किसान सिर्फ वापस लेने की मांग पर अड़े है, क्यो एक समुचित समाधान के लिए कोशिश नही करते है।
 अब निकट भविष्य में सब ही वर्ग ऐसा करेंगे कि संसद द्वारा पारित कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए आन्दोलन करो और अपनी मांग पर अड़े रहो।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कमेटी का गठन और इतिहास में पहले बार कृषि कानूनों को स्थगित कर सुप्रीम कोर्ट ने समाधान का प्रयास किया है। मगर किसान उसे भी मानने के लिए तैयार नही है। यानी आपको अपने देश की किसी संस्था पर विश्वास नही है और आप देश से ऊपर हो गए है लालकिले से झंडा आपने उतार ही दिया है।
उपरोक्त सभी बातों के आधार पर अब देश की जनता को सामने आकर अपने प्रधानमंत्री के हाथ मजबूत करने चाहिए और हठधर्मी किसानों जो कि किसी भी तरह समाधान नही चाहते सिर्फ कानूनों की वापसी और देश के सर्वोच्च सदन को भी अपमानित करना चाहते है। ऐसे किसानों का विरोध करना चाहिए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.