St. Paul’s School के अभिभावक संघर्ष की राह पर, सोमवार को करेंगे प्रिंसीपल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन, शिक्षा मंत्री महोदय से स्कूल द्वारा मनमानी वसूली रोकने की गुहार

प्रिंसीपल के तानाशाह रवैये के खिलाफ रोष

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St. Paul’s School के  अभिभावक संघर्ष की राह पर, सोमवार को करेंगे प्रिंसीपल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन

प्रिंसीपल के तानाशाह रवैये के खिलाफ रोष

INDIA REPORTER TODAY.com
PALAMPUR : S.C. SHARMA
St. Paul’s School पालमपुर का एक अग्रणी स्कूल है जिसकी स्थापना अंग्रेजों द्वारा सन 1923 में हुई थी। 2 साल बाद यह स्कूल century पूरी करने जा रहा है। लेकिन दुःख की बात है कि स्कूल के बच्चों के अभिभावकों की दिक्कतें दिनोदिन बढ़ती ही जा रही हैं। स्कूल उन्नति के बजाय अवनति की डगर पर अग्रसर होता दिख रहा है। इन हालातों के लिए अभिभावक स्कूल के प्रिंसिपल वीरेन्द्र प्रताप सिंह को कथित दोषी मान रहे हैं। उनका कहना है कि प्रिंसिपल के अड़ियल रवैये की वजह से वे अत्यधिक परेशान हैं। वह किसी की बात नहीं सुनते और यदि कोई अपनी समस्या उन्हें बताने की कोशिश करता है तो वह तानाशाही पर उतर आते हैं और कहते हैं कि यदि आपको कोई दिक्कत है तो अपने बच्चों को स्कूल से निकाल लो। अगर बच्चों को इस स्कूल में पढ़ाना चाहते हो तो जैसा मैं कहता हूं वैसे ही करना होगा।
उल्लेखनीय है कि अभी पिछले महीने ही बच्चों से नाटकीय तरीके से 36 लाख रुपए वसूले थे। अपनी योजना की सफलता पर प्रिंसीपल महोदय इतने इतराये कि 36 लाख वसूलने के एकदम बाद 4000 रुपये प्रति विद्यार्थी क्वार्टरली यानी 3 quarters का 12000 प्लस जोकि कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गए थे उन्हें वसूलने का हुकमनामा अपने स्कूल की App पर भेज दिया जिससे अभिभावक परेशान हो उठे। उनकी रातों की नींद उड़ गई।
गौरतलब है कि हिमाचल के शिक्षा मंत्री श्री गोविन्द ठाकुर अपने बयानों में बार बार यही कह रहे हैं कि स्कूल केवल ट्यूशन फी ही लें और अन्य चार्जेज की डिमांड न करें। थोड़ा संयम बरतें और अभिभावकों को इस कोरोना काल में परेशान न करें। जो स्कूल अभिभावकों के साथ शालीनतापूर्वक व्यवहार कर रहे हैं उनकी प्रशंसा भी शिक्षा मंत्री ने की और जो सहयोग नहीं कर रहे उन्हें धिक्कारा भी।
बहुत से स्कूलों ने बच्चों को भरपूर सहयोग दिया लेकिन सेंट पॉल्स स्कूल ने बच्चों और उनके अभिभावकों पर कोई रहम नहीं किया। बल्कि पैसा न भरने पर या अपनी समस्या बताने पर सीधे स्कूल से निकाल दिए जाने की धमकियां दी जा रही हैं। कुछ अभिभावकों ने नाम पब्लिश न क

रने की शर्त पर बताया कि यह स्कूल एक संस्था का है न कि किसी व्यक्ति विशेष का है जो सीधे बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकियां दी जा रही हैं। यह बिल्कुल अनुचित व्यवहार है जिसे सहन नहीं किया जाएगा।
इसी तानाशाही के खिलाफ सोमवार को अभिभावक स्कूल के प्रिंसीपल के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे तथा उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करवाएंगे। अगर प्रिंसीपल नहीं माने तो शिक्षा मंत्री महोदय से स्कूल द्वारा मनमानी वसूली रोकने की गुहार लगाई जाएगी।
ध्यान रहे, पिछले सारे पैसे वसूलने के बाद अब स्कूल मैसेज भेज कर हज़ारों रुपए और वसूलने की मांग कर रहा है जिसकी अभिभावकों ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उनका कहना है कि एक तो वे पहले ही कोरोना महामारी के चलते परेशान, बेरोज़गार व लाचार हैं ऊपर से स्कूल की तानाशाही ने उनकी रातों की नींद हराम कर रखी है।
कुछ परेशान अभिभावकों ने तंग आकर माननीय न्यायालय का द्वार खटखटाने की बात भी स्वीकारी है ताकि उन्हें न्याय मिल सके और स्कूल की मनमानी से छुटकारा मिल सके।
अब देखते हैं कल सोमवार का अभिभावकों का संघर्ष क्या रंग लाता है।
Note : When contacted telephonically, he refused to give any comments regarding parents’ issues.
– Publisher

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