सनसनीखेज….आई हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही से मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 6 रोगियों की आंखों की रोशनी जाने से मचा हड़कम्प, मानवाधिकार आयोग ने लिया कड़ा संज्ञान,
अक्सर देखने में आती हैं ऐसी लापरवाहियां, अस्पताल प्रशासन व प्रबंधकारिणीयां सोती रहती हैं कुम्भकर्णी नींद, सरकारें करें हस्तक्षेप
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मानव अधिकार आयोग ने एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा कथित लापरवाही के कारण मोतियाबिंद सर्जरी के बाद छह रोगियों की आंखों की रोशनी चली जाने की मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है।
कथित तौर पर, मरीजों को बताया गया था कि एक मुफ्त शिविर में आंखों की सर्जरी की जा रही है, लेकिन प्रत्येक से 1500 रुपये लिए गए।
आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जिसमें घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी की स्थिति और पीडितों को राहत / मुआवजा, यदि कोई हो, प्रदान किया गया है, शामिल है।
आयोग यह भी जानना चाहता है कि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए और उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों के बारे में सूचना भी रिपोर्ट में शामिल हो रिपोर्ट में यह भी शामिल होना चाहिए कि क्या अस्पताल ने निःशुल्क नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर आयोजित करने से पहले जिलाधिकारियों से पूर्व अनुमति प्राप्त की थी। अधिकारियों से 4 सप्ताह के भीतर जवाब अपेक्षित है।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार निजी अस्पताल द्वारा निःशुल्क नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए।
इस शिविर में आंखों की सर्जरी के बाद कितने मरीज संक्रमित हुए, इसकी जांच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि अक्सर कुछ नामी अस्पतालों में मोतियाबिंद ऑपरेशनों में संस्थाओं द्वारा बरती जाने वाली गंभीर लापरवाही से कई मासूम लोगों को अपनी अनमोल आंखों से हाथ धोना पड़ता है तथा वे मजबूरन उम्र भर दूसरों के आगे लाचार बन कर रह जाते हैं।
एक प्राइवेट मशहूर अस्पताल में पिछले दिनों एक नवांतुक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर ने जैसे ही ऑपरेशन किए तो जल्द ही लेंस कहीं गिर गए। कुछ को लेंस डाले ही नहीं।
कथित तौर पर, सर्जरी के बाद, संक्रमण इतना गंभीर हो गया कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर, यूपी के डॉक्टरों को चार मरीजों के कॉर्निया को निकालना पड़ा।
इस शिविर में आंखों की सर्जरी के बाद कितने मरीज संक्रमित हुए, इसकी जांच की जा रही है।
ऐसी परिस्थितियों में सरकार को सख़्त होना होगा ताकि इन दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो तथा लोगों को लाचार न होना पड़े।
मिशन अगेंस्ट करप्शन हिमाचल प्रदेश के चैयरमैन व अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त स्टेट जनरल सेक्रेटरी राजेश सूर्यवंशी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सभी प्रदेशों की सरकारों को निर्देश जारी कर कार्यरत विभिन्न आई हॉस्पिटल्स जोकि पिछले कई दशकों से जनता के साथ कथित खिलवाड़ कर रहे हैं उन पर सख्ती की जाए। नियम कानून परिवर्तित किए जाएं । इन अस्पतालों की कुछ निठल्ली, मूकदर्शक व मुनाफाखोर सोसाइटियों पर शिकंजा कसा जाए ताकि जनता को चैरिटेबल की आड़ में मोटा मुनाफा कूट रहे इन अस्पतालों की लगाम कस कर लोगों की आंखों के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जाए वरन मासूमों के साथ यूँ ही अत्याचार होता रहेगा और कुछ तथाकथित चैरिटेबल संस्थाएं चैरिटी की आड़ में करोड़ों रुपये ऐंठती रहेंगी।
यहां आपको बताते चलें कि कई अस्पतालों में संबंधित कई घोटाले या गड़बड़झाले होते हैं जो जनता या मीडिया के सामने आने ही नहीं पाते। जैसे-तैसे मैनेज करके निपटा दिए जाते हैं।
आशा है मोदी जी इसपर संज्ञान लेकर कड़ी कार्यवाही अमल में लाएंगे व दोषियों को दंडित करेंगे।
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