लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर ठेकेदारों ने गड़बड़झाले के आरोप लगाए हैं। इसको लेकर ठेकेदारों का एक प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ ठेकेदार सुभाष चंद की अध्यक्षता में डीसी ऊना से मिला और लोनिवि के अधिकारियों की शिकायत करते हुए टेंडर रद्द करने की मांग उठाई। साथ ही चेतावनी दी कि अगर जल्द ही जिला प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया, तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
ठेकेदार सुभाष चंद ने आरोप लगाया कि लोक निर्माण के अधिकारियों ने नाबार्ड के कार्यो में गडबडझाला के साथ-साथ अपने चेहतों में कार्य आबंटित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नाबार्ड के एक टेंडर में विभाग के अधिकारियों ने अपने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर अपने चहेतो को गलत कागजात व गलत हलफनामें को सही बनाकर कार्य आबंटित करने का कार्य किया है। जबकि बाी ठेकेदारो के सही कागज होने पर भी बाहर निकाल दिया गया। इस बारे में जब एक्सईएन ऊना से बात करनी चाही, तो उन्होने हमें कोई भी बात करने से मना कर दिया व अन्य अधिकारी भी बात करने से मना कर रहे है। सुभाष चंद ने कहा कि जिस ठेकेदार को इस बार ऑब्जेक्शन लगाकर डाक्यूमेंट पूरे होने व हलफनामें को आधा अधुरा बता बाहर निकाला, उसी को पिछले टेंडर में उन्ही डाक्यूमेंट को स्वीकार कर कार्य आबटिंत किया गया। उन्होंने कहा कि इस सारे टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की बंू आती है। उन्होंने मामले में विजीलेंस जांच की मांग भी उठाई है। सुभाष चंद ने कहा कि इसी विषय को लेकर उच्च न्यायालय में भी केस करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में बलवीर सिंह, चेतन, सुमित, पंकज, जितेंद्र, अमन, ऋषि सहित अन्य उपस्थित रहे।
वहीं लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन राजेश गर्ग ने ठेकेदारों द्वारा लगाए सभी आरोपो को नकारा है। उन्होंने कहा कि जिनके कागज अधूरे थे, उनको रिजेक्ट किया है। उन्होंने कहा कि तीन-चार ठेकेदारों के कागज अधूरे थे, जिनके चलते उनको रिजेक्ट किया गया है।