कुल्लू दशहरा के दौरान होगा राजदूतों का सम्मेलन, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक आदान प्रदान पर होंगे समझौते, भव्य सांस्कृतिक परेड व कुल्लू कार्निवाल होंगे आकर्षण का केंद्र : सुंदर सिंह ठाकुर सीपीएस एवं अध्यक्ष दशहरा कमेटी
कुल्लू दशहरा के दौरान होगा राजदूतों का सम्मेलन, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक आदान प्रदान पर होंगे समझौते
MUNISH KOUNDAL
CHIEF EDITOR
भव्य सांस्कृतिक परेड व कुल्लू कार्निवाल होंगे आकर्षण का केंद्र : सुंदर सिंह ठाकुर सीपीएस एवं अध्यक्ष दशहरा कमेटी
इस बार 13 से 19 अक्तूबर तक अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आयोजन किया जाएगा। इस बार यह प्रयास किए जा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशों की इसमें सहभागिता हो। इस बार एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारतीय और विदेशी संस्कृति का मिश्रण प्रस्तुत किया जाएगा। हर वर्ष की भांति अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है, जिसमें हिमाचल प्रदेश के रंगारंग लोक नृत्यों के साथ-साथ विभिन्न देशों की संस्कृति को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
यह बात मुख्य संसदीय सचिव एवं जिला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आयोजन समिति के अध्यक्ष सुंदर सिंह ठाकुर ने देव सदन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कही। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा की 17वीं शताब्दी से चली आ रही कुल्लू दशहरा की ऐतिहासिक परंपरा की झलक पुरे विश्व स्तर दिखाई दे इसके लिए पूरा प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कुल्लू में लगभग 365 स्थानीय देवी-देवता निवास करते हैं इसलिए इस भूमि को देवभूमि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के आयोजन के लिए अब तक 332 स्थानीय देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि सात दिवसीय यह कार्यक्रम बीते वर्षों की परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा, हालांकि वाणिज्यिक व्यापार मेले दीवाली के त्योहार तक जारी रहेंगे। इसमें ऑटो मेला, सरस मेला, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और विभिन्न अन्य संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और स्टॅाल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि बड़े प्लाटों का आवंटन के टेंडर कर दिए गए हैं तथा छोटे प्लाट की आवंटन प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने वाली है उन्हें जानकारी दी की तंबोला के टेंडर से इस बार 2 करोड़ 12 लाख की आए सृजित होगी इसके इसके अतिरिक्त झूले,फली मार्केट आदि के टेंडर के द्वारा भी दशहरा कमेटी को आए होगी अंतर्राष्ट्रीय दलों की मंजूरी के संबंध में पूरी जानकारी मिल जाएगी उन्होंने कहा कि सूरजकुंड के मेला के पश्चात कल्लू का दशहरा सबसे भव्य एवं बड़ा उत्सव पूरे देश में एक विशेष महत्व रखता है।