पालमपुर नगर निगम चुनाव में प्रत्याशियों और पार्टियों द्वारा चुनावी वादों की भरमार

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पालमपुर नगर निगम चुनाव में क्या विवेकानंद अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाओं का मुद्दा बनेगा मुख्य चुनावी मुद्दा।
भाजपा ने नगर निगम को लेकर जो संकल्प पत्र जारी किया है, उसमे स्वच्छता एवं जनस्वास्थ्य, वनसंरक्षण, सौंदर्यकरण व पर्यटन विकास, पेयजल आपूर्ति, सड़क एवं यातायात, गरीबी उन्मूलन व रोज़गार संबंधी उपाय, शिक्षा विकास, स्वास्थ्य सुविधाएं, पशु संबंधी समस्याएं, युवा एवं महिला विकास इत्यादि पर लंबे-चौड़े मन लुभावने वायदे किए गए हैं।
भाजपा के संकल्प पत्र में पालमपुर को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए नागरिक अस्पताल में मल्टी सुपरस्पेशलिटी सुविधाएं मुहैया करवाने एवं अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर बनाने की जो बात की गई है, वह बिल्कुल भी व्यावहारिक नहीं लगती।
प्रदेश के दो बड़े अस्पताल टीएमसी और आईजीएमसी अपनी सेवाओं को लेकर हमेशा से विवादों में रहे हैं। लंबे समय तक इन अस्पतालों के उपकरण खराब रहने के कारण जनता को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सुपरस्पैशलिस्ट चिकित्सकों का सदैव अभाव रहता है एवं कमियों के चलते कोई भी विभाग पूर्ण रूप से कार्य करने में सक्षम नहीं है तो पालमपुर के सिविल अस्पताल में इन सब सुविधाओं देखना हसीन सपने जैसा ही है। विज़न डॉक्यूमेंट में जहां नागरिक अस्पताल को सब सुविधाएं देने की बात की गई है, वहीं पर विवेकानंद अस्पताल की तस्वीर लगाई गई है। अब सरकार की इसमें क्या मंशा हो सकती है, यह तो वो ही जाने, परंतु यह भी एक सच्च है कि पालमपुर की जनता ने विवेकानंद अस्पताल, जिसे एक प्राइवेट कंपनी जेपी चला रही है, के अधिग्रहण को लेकर सरकार से कई बार अनुरोध किया था।
जनता की मांग थी कि विवेकानंद अस्पताल का अधिग्रहण कर सरकार इस अस्पताल को किसी अच्छे कारपोरेट के साथ मिलकर पीपीपी मोड में स्वयं चलाए। क्योंकि विवेकानंद अस्पताल जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया था वह उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कोना महामारी के कारण वैक्सीनेशन के कार्यक्रम को भी विवेकानंद अस्पताल चलाने में असफल रहा है तथा वह कोई भी घाटे का सौदा करने के लिए तैयार नहीं है। वह सभी कार्य करने के लिए तैयार रहते हैं जिसमें उनका फायदा हो वैक्सीनेशन के जन सेवा का कार्य है इसलिए शायद इसमें अस्पताल की कोई विशेष रूचि दिखाई नहीं देती। विवेकानंद अस्पताल अपनी सेवाओं के लिए हमेशा चर्चा में रहता है। लोगों को इस अस्पताल से गरीबों के लिए उचित दरों पर इलाज करवाने की बहुत उम्मीद थी परंतु वह एक सपना ही रह गया। अब देखते हैं दूसरे उम्मीदवार और पार्टी पालमपुर की इस ज्वलंत समस्या पर जो कि स्वास्थ्य की है क्या स्टैंड लेते हैं।

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