सोना सूद, पालमपुर
- बेहद जरूरी संदेश, पढ़ना जरूर
आँखें खोलने के लिए जरूरी है
त्यौहार और मुहूर्त
सोशल मीडिया के कुछ फायदे हैं तो नुकसान भी हैं। ऐसा ही एक बड़ा नुकसान पिछले कुछ वर्षों में देखने को मिला कि हर त्यौहार को मुहूर्त के नाम पर छोटा कर रहे हैं।
हम बचपन में पूरा दिन राखी दिवाली और होली मनाते थे। ना कोई मुहूर्त की बात करता था ना ही समय देखकर कोई त्यौहार मनाते थे।
पिछले कुछ वर्षों में अजीब सा चलन चला है -इतने समय से इतने समय तक शुभ मुहूर्त है मतलब आप के त्यौहार को एक डेढ़ घंटे का कर दिया।
*क्या आपने कभी किसी त्योहारों पर इस प्रकार का संदेश देखा है..?*
इस राखी पर भी एक संदेश चल रहा है कि *राखी इतने समय से इतने समय तक*
अरे भैया क्या यह संभव है कि देश की सभी बहने एक ही मुहूर्त में अपने भाई को राखी बांधे।
*क्या भाई बहन के प्रेम के बीच में मुहूर्त आ सकता है…?*
दोस्तों को दिल खोलकर राखी मनाईये *सुबह से लेकर रात तक*
*ईश्वर का दिया हुआ हर क्षण शुभ होता है*
बिंदास होके पूरा दिन राखी के त्यौहार का आनंद लीजिए।
हमारे हर त्योहार खुशियों के होते हैं और खुशियों का कोई मुहूर्त नहीं होता।
जब दिल खुश हो जाए तब मुहूर्त शुभ है।
*आप सभी को राखी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं*