अवाहदेवी और चोलथरा के बीच बनने वाले बायपास को कुछ इस तरह बनाए सरकार, जिससे केवल दो पहिया और कार को ही मिले इसमें एंट्री।
सरकाघाट : धाड़ता क्षेत्र से संबंध रखने वाले सामाजिक / सार्वजनिक कार्यकर्ता, लेखक और विचारक – श्री रमेश भारद्वाज उर्फ रमेश चन्द ने हिमाचल सरकार से ऑनलाइन शिकायत दर्ज करके फिर से मांग की है कि सरकार उनके द्वारा दिए गए सुझावों को अमल में लाए, जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में रह रहे तकरीब पचास राशन कार्ड परिवारों तथा इन घरों में आने जाने वाले अन्य लोगों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े। गौरतलब है कि अगर नया बायपास मार्ग बन जाता है तो आने वाले समय में सभी तरह के वाहन और परिवहन की सभी बसे और प्राइवेट बसे भी यहीं से गुजरेंगे और जनता को आने वाली समस्या से जूझना पड़ सकता है। एक पत्र के जनाब में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, हमीरपुर यूनिट ने कहा हैं कि बायपास सेक्शन, टू लेनिंग वर्क के हिसाब से बनेगा और पहले वाली सड़क को हिमाचल राज्य सरकार के हवाले मुरम्मत के लिए कर दिया जाएगा और अगर राज्य सरकार चाहे तो, अपने खर्चे पर कोई भी निर्माण कार्य कर सकती हैं। और यह मामला राज्य सरकार के अधीन आता हैं।
इसी पत्र को रमेश भारद्वाज उर्फ रमेश चन्द ने फिर से हिमाचल सरकार /मुख्यमंत्री जी को भेज दिया है और उन्होंने उनसे फिर से गुहार लगाई है कि सरकार दोनों मार्गो को एक साथ बनाए और नए बायपास को कुछ इस तरह से बनवाए जिससे कि नए बायपास में केवल दो पहिया वाहनों और कार को ही एंट्री मिले, जिससे आने वाले समय में स्थानीय जनता को चालकों की मनमानी का सामना न करना पड़े, क्यूंकि यदि बायपास में एचआरटीसी और प्राइवेट बसों को भी एंट्री मिल जाती है तो फिर ड्राईवर अपनी मनमानी करेंगे और वो पहले वाले मार्ग से बसें नहीं चलाएंगे। इसलिए सामाजिक कार्यकर्ता – रमेश भारद्वाज उर्फ रमेश चन्द ने सरकार को आने वाली इस समस्या से ऑनलाइन पत्र भेज कर, अवगत करवा दिया है और सरकार से कहा है कि वो समय रहते आने वाली इस समस्या का समाधान अभी से निकाल ले, मतलब नए बायपास सड़क में केवल दो पहिया वाहनों को ही एंट्री मिलनी चाहिए। मतलब नए बायपास के दोनो तरफ के एंट्री प्वाइंट की चौड़ाई कम रखी जाएं, जिससे परिवहन और प्राइवेट बसें पहले वाले मार्ग को ही अपनाए और आने वाले समय में जनता और ड्राइवर्स के बीच में हर रोज़ कोई लड़ाई झगड़ा न हो।
उन्होंने से सरकार से उनके द्वारा किए जा रहे विकास की सराहना भी की है पर कोई भी विकास इस तरह से नहीं होना चाहिए कि पहले वाली सुविधा को छीन लिया जाए।