होशियार सिंह भेड़ की शक्ल में भेड़िया ,रमेश धवाला ने ऊगली आग…बोले *मुझे भी खरीदने की हुई थी कोशिश मगर मैं नहीं बिका, जयराम ठाकुर देहरा आए लेकिन मुझसे नहीं मिले, अब किसी भी कीमत पर समझौता नहीं होगा। बोले…हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था
बोले... बड़े बे-आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले... सब कुछ मिटा दिया...वफ़ा का कैसा सिला दिया
हिमाचल प्रदेश में तीन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं ऐसे में देहरा विधानसभा सीट भाजपा और काँग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है।
यहां से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी श्रीमती कमलेश ठाकुर चुनाव लड़ रही हैं।
उनका मुकाबला पूर्व आज़ाद विधायक होशियार सिंह से है जोकि अब पलटी मार कर देहरा के मतदाताओं को बताए बिना भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात है कि भाजपा में यहां पर बगावत देखने को मिल रही है।
अपनी बरसों की तपस्या एक कथित बिकाउ विधायक के हाथों बर्बाद होने से भाजपा के पूर्व विधायक रमेश धवाला बुरी तरह नाराज और दुःखी हैं। उनका सारा राजनीतिक भविष्य मिट्टी में मिला दिया है पार्टी ने। उन्होंने हर सुख-दुख में पार्टी का साथ दिया। कभी बिके नहीं। ईमानदारी का सिला उन्हें भाजपा ने उनका सब कुछ मिटा कर दिया।
उनका मानना है कि भाजपा अवसरवादी पार्टी बनती जा रही है और कर्मठ, ईमानदार और वफादार सिपाहियों की बलि चढ़ाने में लगी है।
धवाला बड़े दुखी हृदय से, आँखोँ में आंसू भर कर कहते हैं कि जिस पार्टी की खातिर उन्होंने मार खाई, मानसिक व शारीरिक पीड़ा सही, उसी पार्टी के आकाओं ने अपना मतलब निकालने के लिए उन्हें दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया, एक बार भी मुड़ कर नहीं देखा जैसेकि में उनका कभी कुछ था ही नहीं। पीड़ा से मेरी छाती फटी जा रही है।
उन्हें मनाने की भी छुटपुट कोशिशें होती रही हैं लेकिन सब बेकार गईं। अब जब सभी तीर तुक्के बन कर रह गए हैं तो थक-हार कर होशियार सिंह ने अब खुद असंतुष्ट धवाला से मुलाकात की है ताकि मंझधार में डूब रही नैया को किसी तरह पर लगाया जा सके।
देहरा से पूर्व प्रत्याशी रहे धवाला ने मुलाकात के बाद INDIA REPORTER TODAY से बातचीत की और कहा कि भेड़ की शक्ल में भेड़िया है होशियार सिंह, हम क्यों उनका साथ दें।
बीजेपी के पूर्व मंत्री और पूर्व प्रत्याशी रहे रमेश धवाला ने कहा कि जब तीन दिन रह गए तो उन्हें मनाने होशियार सिंह आ गए। अब मैं किसी के प्रचार के लिए घर से नहीं निकलूंगा। जहां तक वोटों का सवाल है तो मेरे घर के वोट बीजेपी को ही जाएंगे, लेकिन किसी को भी वोट डालने के लिए नहीं कहूंगा।
धवाला ने कहा कि मेरे पास होशियार सिंह आए तो मैंने पूछा रास्ता कैसे भटक गए. एक दिन पहले उनकी पत्नी आई थी वो एक मृदुभाषी महिला हैं, लेकिन होशियार सिंह उससे विपरीत है. धवाला यहीं नहीं रुके, बीजेपी के बड़े नेताओं पर भी शब्दबाण छोड़े गए।
उन्होंने पूछा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर देहरा आए लेकिन उनके पास क्यों नहीं आए। वह इसलिए क्योंकि उनके मन में खो7O
अब किसी भी लेवल पर समझौता नहीं होगा. मैं अब पार्टी के प्रचार के लिए कहीं नहीं जाऊंगा. रमेश धवाला ने कहा कि कांग्रेस के लोग भी उनके पास आए थे. यहां अब मेरे आत्मसम्मान की लड़ाई है. मुझे भी खरीदने की कोशिश हुई थी, लेकिन मैं नहीं बिका.