रॉबिन बोले, भारत और रूस की दोस्ती अमर और चट्टान की तरह मज़बूत, रूस में आयोजित हुए वर्ल्ड यूथ फैस्टीवल में नेशनल प्रेपरेटरी कमेटी के कम्युनिकेशन इन्चार्ज रॉबिन कुमार की अगुवाई में भारतीय टीम ने देश का नाम रोशन किया
धर्मशाला : इंडिया रिपोर्टर टुडे
रूस में हाल ही में रूस में एक सप्ताह तक आयोजित हुए विश्व युवा महोत्सव (वर्ल्ड यूथ फैस्टीवल) में भारतीय टीम ने देश का नाम रोशन किया। भारत की ओर से 360 सदस्यीय दल ‘भारत-360’ का नेतृत्व (एन.पी.सी.) नेशनल प्रेपरेटरी कमेटी के कम्युनिकेशन इन्चार्ज रॉबिन कुमार ने किया।
इस दौरान उन्होंने वहां पर विभिन्न कार्यक्रमों में न केवल स्वयं शिरकत की बल्कि अपनी टीम के सदस्यों को भी देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में भेजा।
इस अवसर पर वहां पर भारतीय संस्कृति, भारत के तेजी से विकसित भारत की ओर बढ़ते कदमों के बारे में विश्व को बताया गया।
इस दौरान भारतीय संस्कृति, भारतीय लोगों का रहन-सहन, भारतीय प्रेम और विश्व में भारतीय ताकत के बारे में भी चर्चा की गई।
हिमाचल के होनहार सपूत रॉबिन कुमार के नेतृत्व में भारतीय टीम के सदस्यों ने विभिन्न सांस्कृतिक और अन्य कार्यक्रमों में रूसी टीम के साथ मिलकर प्रस्तुति दी।
ओपनिंग सैरेमनी के दौरान आयोजित की गई परेड में भारतीय दल ने जिस जोश के साथ “भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय श्री राम, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन” के समर्थन में निरंतर जयघोष किया तो सभी देशों का और विशेषकर मीडिया का आकर्षण बने।
भारत और रूस के संबंध दशकों से बहुत मजबूत है। इसका प्रमाण वहां के लोगों ने भी दिया। रूस के लोग भारतीय लोगों से जिस तरह से खुलकर प्रेम और आपसी सद्भावना से मिलते थे वह एक अनूठ मिसाल थी।
लोगों को जैसे ही पता चलता कि हम भारतीय हैं तो वह न केवल पूरे जोश के साथ भारतीय लोगों का स्वागत करते बल्कि हर तरह से सहयोग करने के लिए भी आतुर रहते थे।
रूस में ज्यादातर लोगों को रशियन भाषा ही आती है, ऐसे में वे फिर भी गूगल ट्रांसलेशन के माध्यम से भारतीय दल के संपर्क में रहते और उनसे बॉलीवुड फिल्मों के बारे में, अमिताभ बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती के बारे में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में जानने के इच्छुक रहते।
उन्होंने भारतीय टीम से कई मौके पर हिंदी गीत भी सुने और भारतीय संस्कृति के बारे में भी जाना।
रूस के लोग भारतीयों को हर तरह से मदद करने के लिए तत्पर रहते थे। कई अवसर पर तो रास्ता पूछने पर वह साथ ही दो-दो किलोमीटर तक मंजिल पर पहुंचाने में भी संकोच नहीं करते थे।
यहां तक कि कई बार टैक्सी वाले भारतीयों से किराया तक नहीं लेते थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रूस और भारत के संबंध ही मजबूत नहीं है बल्कि रूस का एक-एक शख्स भारतीयों का दिल से सम्मान करता है।
समापन समारोह में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी आपसी प्रेम, सद्भाव और समानता की बात कही और सभी को एकजुट होने का आह्वान किया।
भारतीय दल का नेतृत्व नैशनल प्रिप्रेटरी कमेटी के कम्युनिकेशन इन्चार्ज धर्मशाला तहसील के 53 मील निवासी माता श्रीमती सुनीता व पिता श्री जनक राज के होनहार पुत्र रॉबिन कुमार ने बहुत ही कुशलतापूर्वक किया।
इसके लिए रॉबिन कुमार और उनकी पूरी टीम ने भारत के 360 सदस्यों को साथ लेकर एक इतिहास कायम किया और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों में फिर से एक साथ होकर काम करने की
इच्छा व्यक्त की।
उन्होंने रशियन को-ऑर्डीनेटर एवं साऊथ ईस्ट एशिया हैड आब्दुल वेस तहमीना का विशेष तौर पर आभार किया व्यक्त किया और भारत में रशियन एंबेसी के एंबेसडर डेनिस अलिपोव और भारत में रशियन एम्बेसी की फर्स्ट काऊंसलर यूलिया का भी विशेष तौर पर आभार व्यक्त किया जिन्होंने भारतीय दल के रवाना होने से लौटने तक पल-पल साथ दिया और हर तरह से सहयोग किया ताकि किसी भी भारतीय सदस्य को कोई भी परेशानी का सामना न करना पड़े।