चैरिटेबल रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर छुआ कामयाबी का एक और शिखर, लगभग 13000 मीटर की ऊंचाई पर बर्फीले पहाड़ों के बीच जाकर लोगों के अंधेरे जीवन को किया रोशन, लोगों ने सच्चे दिल से दीं दुआएँ, डॉ शिव द्वारा रोपित नन्हा पौधा कभी इतना विशाल रूप ले लेगा, कभी किसी ने सोचा न था
युगपुरुष डॉ शिव की एक आदमकद प्रतिमा का इन्तज़ार है रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा को, पिछले पौने तीन साल से, देरी का सबब समझ नहीं आता, लेह-लद्दाख से आए लोगों ने भी जताई हैरानी
- Dr Shiv Kumar, Father of Rotary Eye Hospiral, Internationally acclaimed Social Worker & Founder CHAIRMAN, Rotary Eye Foundation
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उत्तरी भारत के हिमाचल प्रदेश के ज़िला कांगड़ा में पालमपुर नगर निगम में पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित चैरिटेबल रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा ने कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप तथा नेत्र चिकित्सा के उच्च मानकों पर खरा उतरते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की है, जिसका श्रेय डॉ सुधीर सल्होत्रा, डायरेक्टर, डॉ. रोहित गर्ग एसोसिएट डायरेक्टर व उनकी समस्त कर्मठ टीम और जीएम श्री राघव शर्मा तथा प्रबंधकारिणी के उचित प्रबन्धन को जाता है।
पहले स्व पिताजी डॉ शिव ने और अब उनके होनहार पुत्र राघव शर्मा ने पाई अंतरराष्ट्रीय ख्याति
जीएम श्री राघव शर्मा ने इस जोखिम भरी यात्रा में स्वयं टीम का नेतृत्व किया। किसी को कोई परेशानी नहीं आने दी तथा लेह लद्दाख सरकार के सरकारी मीडिया में रोटरी आई हॉस्पिटल का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया गया तथा अस्पताल की पूरी टीम की प्रशंसा के पुल बांधे गए।
इस प्रकार श्री राघव के प्रयास से रोटरी आई हॉस्पिटल का नाम अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बना।
उल्लेखनीय है कि बीते कल लेह-लद्दाख से 160 किलोमीटर दूर गांव नूबरा टाइगर से आए दो व्यक्तियों Tsering Norbu व Tsering Norup ने इंडिया टुडे से बातचीत में विस्तृत जानकारी से रूबरू करवाते हुए बताया कि वे श्री राघव जी की पहल के परिणामस्वरूप यहां नेत्र रोगियों को लेकर आ रहे है जिनकी संख्या 90 तक जा पहुंची है जबकि वहां रह रहे निवासियों की संख्या मात्र कुछ सौ ही है। नेत्र रोग वहां चरम सीमा पर हैं।
उन्होंने कहा कि जो रोगी रोटरी आई हॉस्पिटल द्वारा आयोजित शिविर से अछूते रह गए थे उन्हें अब सर्जरी के लिए मारंडा लाया गया है तथा उनकी सफलतापूर्वक सर्जरी करवा कर आज उनका समूह संतुष्ट होकर वापिस लौट रहा है। पहले वे दिल्ली जाएंगे फिर कहां से फ्लाइट लेकर लेह लद्दाख पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा कि आते समय भी आना आसान नहीं था। पहले वे फ्लाइट से जम्मू पहुंचे और फिर वहां से बस द्वारा मारंडा आई हॉस्पिटल पहुंचे।
उन्होंने कहा कि श्री राघव शर्मा ने जो प्यार और विश्वास उनके साथ वहां कायम किया है, वही उन्हें बार-बार यहां खींच लाता है। उन्होंने कहा कि श्री राघव ने लेह लद्दाख आकर स्थानीय लोगों पर जो उपकार किया है उसे वेद कभी भुला न पाएंगे।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि- “हमें पहले अपनी आंखों की समस्याओं के लिए दूर-दराज़ जाना पड़ता था, लेकिन अब डॉ. सुधीर और श्री राघव शर्मा की टीम ने हमारे लिए यहां आकर हमारा ईलाज किया है। हम उनके आभारी हैं और उनका हृदय से धन्यवाद करते हैं।”
इस तरह, डॉ. सुधीर सल्होत्रा और श्री राघव शर्मा की टीम ने लेह लद्दाख के लोगों को नई रोशनी दी है।
जान जोख़िम में
श्री राघव शर्मा के मार्गदर्शन व उच्च कोटि के प्रबंधन ने लेह-लद्दाख इस साहसिक टुअर की अभूतपूर्व सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जान जोखिम में डालकर ऑक्सीजन की कमी से जूझते हुए भी रोटरी आई हॉस्पिटल की टीम ने सफलता के झंडे गाढ़ दिए।
इस अस्पताल ने नेत्र चिकित्सा में उत्कृष्टता के लिए नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिसमें उन्नत तकनीक और विशेषज्ञता के साथ रोगियों को सर्वोत्तम देखभाल प्रदान की जाती है।
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डॉ. सुधीर सल्होत्रा के नेतृत्व में, अस्पताल ने नेत्र चिकित्सा में नए आयाम स्थापित किए हैं और रोगियों को बेहतरीन उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राघव शर्मा ने अस्पताल को दिया एक नया मुकाम
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जीएम श्री राघव शर्मा के लेह-लद्दाख के टूर ने इस अस्पताल को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है, जहां उन्होंने स्थानीय समुदाय के लोगों को नेत्र चिकित्सा सेवाएं उनके घर द्वार पर प्रदान कीं और अस्पताल की ख्याति को यूनियन टेरिटरी में जाकर बढ़ाया।
प्रतिकूल जलवायु के कारण होती है आंखों की अधिक समस्याएं
लेह लद्दाख के लोगों ने कहा कि अत्यन्त ऊंचाई और बर्फ जलवायु के कारण वहां आंखें अधिक खराब होती हैं। लोगों के लिए कोई इलाज नहीं है। आंखों का ऑपरेशन करवाने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है जोकि अत्यन्त कष्टप्रद, महंगा और असहनीय साबित होता है। गरीबों को बहुत मुश्किल होती है। वे बिना इलाज करवाए ही अंधकारमय जीवन जीने को विवश हैं।
रोटरी आई हॉस्पिटल के साहसिक प्रयास की सराहना
रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा की टीम ने लेह लद्दाख के लोगों की इस समस्या को समझा और उनकी मदद के लिए आगे आई।
डॉ. सुधीर सल्होत्रा और उनकी टीम ने लेह लद्दाख में नेत्र चिकित्सा शिविर लगाया और स्थानीय लोगों को मुफ्त में नेत्र जांच और उपचार प्रदान किया।
रोटरी आई हॉस्पिटल का धन्यवाद, नेत्र रोगियों के अंधकारमय में जीवन में जागी रोशनी की नई किरण
अब लेह लद्दाख के लोगों को अपनी आंखों की समस्याओं के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं है। रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा की टीम ने उनके लिए एक उम्मीद की किरण जगाई है।
डॉ सुधीर सल्होत्रा, श्री राघव शर्मा व पूरी टीम का जताया हृदय से आभार
लेह लद्दाख के लोगों ने डॉ. सुधीर सल्होत्रा और श्री राघव शर्मा का हृदय से धन्यवाद किया है, जिन्होंने उनके लिए नेत्र चिकित्सा शिविर लगाया और मुफ्त में नेत्र जांच और उपचार प्रदान किया। लोगों ने कहा कि डॉ. सुधीर और श्री राघव शर्मा की टीम ने उनकी आंखों की समस्याओं का समाधान किया है और उन्हें नई रोशनी दी।
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ग़ौरतलब है कि यहां आए लोगों ने रोटरी आई हॉस्पिटल के संस्थापक अध्यक्ष स्व. डॉक्टर शिव कुमार को भावभीनी श्रद्धांजलि दी तथा उनके प्रयासों की खूब सराहना की जिनकी बदौलत आई हॉस्पिटल की टीम आज लेह लद्दाख पहुंची है मानवता की सेवा करने। लेकिन जिस महान विभूति के अथक निःस्वार्थ प्रतासों के फलस्वरूप आज वे इस अस्पताल में नया जीवन प्राप्त करके जा रहे हैं उसके संस्थापक अंतर्राष्ट्रीय समाजसेवी, युगपुरुष डॉक्टर शिव कुमार की एक अदद आदमकद प्रतिमा भी आज तक अस्पताल परिसर में नहीं लग पाई है, यह जानकर उन्हें निराशा हुई।
उल्लेखनीय बात है कि हाल ही में इस शिविर में कई लोगों को आंखों की बीमारियों का पता चला और उन्हें उचित उपचार मिला।
लेह लद्दाख के लोगों ने रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा की टीम का धन्यवाद किया और कहा कि उनकी मदद से उन्हें भारी राहत मिली है। अब लेह लद्दाख के लोगों को अपनी आंखों की समस्याओं के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं है। रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा की टीम ने उनके लिए एक उम्मीद की किरण जगाई है तथा भविष्य में भी रोटरी आई हॉस्पिटल की टीम उनके घर द्वार पर पहुंच कर उन्हें नेत्र संबंधी उपचारों से अनुगृहीत करेगी, ऐसी उन्होंने उम्मीद जताई है।
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