अडानी की जनता विरोधी नीति की नई कहानी : जोगटा की जुबानी
दारर्लाघाट जिला सोलन हिमाचल प्रदेश स्थित सीमेंट प्लांट बंद करके हजारों लोगों से रोजगार छीनने वाली एसीसी और अंबुजा सीमेंट कंपनी को हिमाचल प्रदेश प्रकार के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू जी ने बड़ा झटका दिया है।
सरकार ने दोनों कंपनियों से आर्डर वापस लेकर अल्ट्राटेक को डायवर्ट करने के निर्देश दिए हैं। विकास कार्य न रुकने पाए इसलिए सुक्खू सरकार ने सभी संबंधित विभागों को अगले आदेशों तक सीमेंट आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है। सरकार ने पीडब्ल्यूडी जलशक्ति विभाग और ग्रामीण विकास विभाग को इस संबंध में पत्र भी जारी कर दिया है।
सरकार से मिले आदेशों के बाद आपूर्ति निगम ने संबंधित विभागों को पत्र जारी कर के ठेकेदारों से सीमेंट खरीदने की बात कही है। वह इसकी एवज में उन्हें ₹20 ज्यादा देने के लिए भी कहा गया है।
निगम द्वारा जारी किए गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि दोनों प्लांट के बंद होने से निगम के 118 गोदामों में स्टॉक खत्म हो गया है। इसलिए एसीसी और अंबुजा सीमेंट कंपनी को सप्लाई के जो आर्डर जारी किए गए थे उन्हे अब अल्ट्राटेक के लिए डायवर्ट कर दिया जाए।
यानी विकास कार्य के लिए अब सरकार अल्ट्राटेक की सप्लाई को सुचारू करेगी। इसकी एवज में ठेकेदारों को बेशक अतिरिक्त पैसे अदा किए जाएंगे।
बता दें कि सीमेंट की सप्लाई रोकने से हिमाचल में लोक निर्माण विभाग जलशक्ति विभाग पर ज्यादा प्रभाव पड़ा है ।
प्रदेश में मौजूदा समय में 150 सरकारी भवनों और तकनीकी शिक्षा विभाग के करीब 25 से ज्यादा प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है।
इन कार्यों के लिए सीमेंट की आपूर्ति का काम प्रदेश सरकार का सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन करता है।
इसके अलावा पंचायती राज विभाग में भी मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्य प्रभावित हुए हैं ।
शिमला से जारी एक बयान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता एसएस जोगटा ने आगे कहा है कि जिस तरह से मोदी सरकार अदानी जैसे लोगों से मिलकर जनता का किस प्रकार से शोषण किया जाता है यह देखते ही बन रहा है। इसलिए प्रदेश में सुक्खू सरकार जो जनता की सरकार है ने उक्त निर्णय लेकर प्रदेश की जनता को दिखा दिया है कि भाजपा और कांग्रेस की कार्यप्रणाली में जनता हितेषी निर्णय लेने में कितना फर्क है।
(एसएस जोगटा),
वरिष्ठ प्रवक्ता,
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस,
कमेटी शिमला।