कर्नल जसवन्त सिंह चंदेल रचित “सावन”

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सावन

परम्पराओं में श्रेष्ठ और पावन,
हर वर्ष आता यह प्यारा सावन,
मां पार्वती को श्रद्धा से है प्यारा,
भगवान शिवजी समर्पित सावन।

सावन महीना पवित्र उपवासों का,
पहाड़ चढ़ रहे श्रद्धालु सहासों का,
दसों दिशाओं में लगते हैं यहां मेले,
कांवड़ उठाए कांवड़ी उलासों का।

सर्व मंगल मंत्र मुग्ध हो जाती धरा,
वर्षा बरसे कहर मचाए कई जगह,
कई त्योहार भी आते हैं इस महीने,
खेत खलिहान जंगल हो हरा भरा।

समुद्र मंथन भी हुआ था इसी महीने,
पार्वती ने पाया शिव को इसी महीने,
रक्षाबंधन भी आता है इसी महीने,
प्रेम की पींगे भी पड़ती हैं इसी महीने।

कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
कलोल बिलासपुर हिमाचल।

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