*सैनिक को सलाह*

छोड़ दे ज़िद पेंशन जाने की

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*सैनिक को सलाह*

SURESH AWASTHI

छोड़ दे ज़िद पेंशन जाने की
वरना बहुत पछतायेगा।
हाल बुरा है सिविल का प्यारे
दर-दर ठोकर खायेगा।
अंडा, मुर्गा, बटर, घी खाकर
क्यों इतना इतराते हो।
जब जी करता फौज में साथी
दो-दो पैग लगाते हो।
नहीं मिलेगी मौज फिर ऐसी
चटनी रोटी खायेगा।
छोड़ दे ज़िद पेंशन जाने की
वरना बहुत पछतायेगा।
करेंगे तुमसे प्यार पड़ोसी
जब तक नोट उड़ाएगा।
साली प्यार करेगी तुमसे
साला गले लगाएगा।
नहीं रहेंगे नोट जेब में
पास नहीं कोई आएगा।
छोड़ दे ज़िद पेंशन जाने की
वरना बहुत पछतायेगा।
कुछ दिन आराम करके घर की
चारदीवारी में झाड़ू लगाएगा।
सिविलियन पड़ोसी तुझको देखके
तेरी हंसी उड़ाएगा।
जाएगा कैंटीन कोटा लेने जिस दिन
शाम को महफिल जमाएगा।
महफ़िल खत्म होने के बाद ही
बेलन की मार खायेगा।
छोड़ दे ज़िद पेंशन जाने की
वरना बहुत पछतायेगा।
कलयुग के इस युग में साथी
साथ नहीं कोई देता है।
साथ निभाने के बदले
कोई भी पैसे लेता है।
फ़ौज के जैसे साथी प्यारे
कहीं नहीं तू पायेगा।
छोड़ दे ज़िद पेंशन जाने की
वरना बहुत पछतायेगा।
आज तू नायक रुक जा प्यारे
हवलदार कहलायेगा।
धीरज रख तू थोड़ा साथी
जो चाहेगा पायेगा।
लगा के मन कर देश की सेवा
सूबेदार कहलायेगा।
छोड़ दे ज़िद पेंशन जाने की=
वरना बहुत पछतायेगा।
😔😔
सभी पुर्व सैनिको से निवेदन है
अपने किसी भाई को या रिश्तेदार को जो अभी सैनिक सेवा मे है उसे सही नसीहत दे कि, सिवील मे फिलहाल बहोत बुरा समय चल रहा है
कृपया पेन्शन आने कि जल्द बाजी ना करे….

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