जो हम दूसरों को देंगे,वहीं लौट कर आयेगा…चाहे वो इज्जत हो, सम्मान हो या फिर धोखा…

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SANJEEV KATOCH

Palampur

*माप-तोल*

*एक गाँव में एक किसान रहता था जो दूध से दही और मक्खन बनाकर बेचने का काम करता था। एक दिन उसकी बीवी ने उसे मक्खन तैयार करके दिया वह उसे बेचने के लिए अपने गाँव से शहर की तरफ रवाना हुआ। मक्खन गोल पेढ़ो की शक्ल मे बना हुआ था और हर पेढ़े का वज़न एक kg था। शहर मे किसान ने उस मक्खन को हमेशा की तरह एक दुकानदार को बेच दिया,और दुकानदार से चायपत्ती, चीनी, तेल और साबुन व गैरह खरीदकर वापस अपने गाँव को रवाना हो गया।*

*किसान के जाने के बाद दुकानदार ने मक्खन को फ्रिज़र मे रखना शुरू किया। उसे खयाल आया के क्यूँ ना एक पेढ़े का वज़न किया जाए, वज़न करने पर पेढ़ा सिर्फ 900 gm. का निकला, हैरत और निराशा से उसने सारे पेढ़े तोल डाले मगर किसान के लाए हुए सभी पेढ़े 900-900 gm.के ही निकले।*

*अगले हफ्ते फिर किसान हमेशा की तरह मक्खन लेकर जैसे ही दुकानदार की दहलीज़ पर चढ़ा। दुकानदार ने किसान से चिल्लाते हुए कहा: दफा हो जा, किसी बे-ईमान और धोखेबाज़ शख्स से कारोबार करना..पर मुझसे नही। 900 gm. मक्खन को पूरा एक kg. कहकर बेचने वाले शख्स की वो शक्ल भी देखना गवारा नही करता। किसान ने बड़ी ही विनम्रता से दुकानदार से कहा “मेरे भाई मुझसे बद-ज़ुबान ना हो हम तो गरीब और बेचारे लोग हैं, हमारी माल तोलने के लिए बाट (वज़न) खरीदने की हैसियत कहाँ? आपसे जो एक किलो चीनी लेकर जाता हूँ उसी को तराज़ू के एक पलड़े मे रखकर दूसरे पलड़े मे उतने ही वज़न का मक्खन तोलकर ले आता हूँ।*

*जो हम दुसरो को देंगे,वहीं लौट कर आयेगा…चाहे वो इज्जत, सन्मान हो,या फिर धोखा !!!*

*ऐसे संस्कार पूर्ण कहानी का लिंक कॉपी कर कम से कम 5 लोगों को फॉरवर्ड कीजिए क्या पता किसके जीवन में आप द्वारा सेंड की गई कहानी को पढ़कर परिवर्तन आ जाए और उसका पुण्य फल आपको प्राप्त हो*
🚩 *राम राम जी*🚩
🌹🙏🙏🙏🌹

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